
अशोक गौतम-भोपाल। देश की सबसे बड़ी ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग परियोजना में निवेश करने के लिए निजी कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही हैं। परियोजना के दूसरे चरण में 300 मेगावॉट बिजली का सोलर सिस्टम लगाने के लिए के लिए तीन बार टेंडर जारी किए गए लेकिन निजी कंपनियां आगे नहीं आ रही हैं। इस समय ओंकारेश्वर में सोलर संयंत्रों से 200 मेगावॉट बिजली तैयार हो रही है। सरकार 100 मेगावाट खरीद रही है। बाकी 100 मेगावॉट बिजली खरीदने के लिए कोई कंपनी आगे नहीं आई है।
अब सरकार 100 मेगावॉट बिजली नगरीय निकायों और निगम मंडलों को देने की योजना बना रही है, क्योंकि बिजली के दाम करीब सवा दो रुपए यूनिट हैं। इससे निकायों को सस्ती बिजली मिल सकेगी। यही कारण है कि चौथी बार टेंडर जारी होने के बाद भी सोलर सिस्टम लगाने कोई भी कंपनी अभी तक आगे नहीं आई है।
अभी 3 कंपनियां कर रहीं काम
ओंकारेश्वर में 600 मेगावॉट के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट लगाया जाना है। इन परियोजनाओं में वर्तमान में तीन कंपनियों ने अपना संयंत्र लगा लिया है, जिससे 200 मेगावॉट बिजली तैयार होती है। दूसरे चरण की परियोजना के लिए सोलर संयंत्र लगाने के लिए चौथी बार फि र टेंडर जारी किए गए हैं। इसके लिए ऊर्जा विकास निगम निवेशकों का तलाश कर रही है। दूसरे चरण में भी 300 मेगावॉट के संयंत्र लगाए जाना हैं।
बढ़ सकती हैं बिजली की दरें
बताया जाता है कि ओंकारेश्वर से जो बिजली तैयार की जा रही है, उसकी दरें सबसे (दो-सवा दो रुपए प्रति यूनिट) कम है। अब सरकार तीन रुपए में बिजली बेचने की बातचीत कर रही है। इससे निवेशक बढ़ सकते हैं। जिस तरह से रीवा जिले के सोलर पॉवर के लिए सरकार ने दिल्ली मेट्रो से बिजली खरीदने के संबंध में अनुबंध किया था, उसी तरह से अन्य संस्थानों की तलाश की जा रही है।
भोपाल की 124 दिन की जरूरत का पानी बचेगा
परियोजना के दो मकसद हैं। पहला -पानी के ऊपर बिजली तैयार करना, दूसरा वाष्पीकरण को रोकना । सोलर पैनल लगने के बाद ओंकारेश्वर जल परियोजना के पानी का वाष्पीकरण कम हो जाएगा। इससे 60 से 70 फीसदी पानी बचेगा जो भोपाल की 124 दिन की जरूरत के बराबर होगा।
सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना : मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना है। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने आठ अगस्त 2023 को इसका शुभारंभ किया था।
एजेंसियों की तलाश जारी
ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग परियोजना से तैयार होने वाली बिजली खरीदने वाली एजेंसियों की तलाश की जा रही है। दूसरे चरण की परियोजना के लिए फिर से टेंडर जारी किए गए हैं। बिजली खरीदने निकाय और निगम मंडलों से भी बातचीत की जा रही है। -अमनबीर सिंह, एमडी, मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम