
भोपाल। प्रदेश के सरकारी विभागों को एक बार फिर शत-प्रतिशत ई-ऑफिस में बदलने मंत्रालय में सक्रियता बढ़ गई है। इस बार मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इसे 1 जनवरी 2025 से प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उधर, एनआईसी ने भी सभी विभागों को जानकारी दी है कि ई- ऑफिस के लिए नया वर्जन 7.0 लॉन्च किया जा चुका है, इसलिए अफसर यह बहाना नहीं बना सकेंगे कि सिस्टम पर फाइलें और नस्तियां अपलोड होने में घंटों लगते है। ये नया वर्जन पुराने वर्जन से तेज है।
फ्लेश बैक : ई-ऑफिस के लिए पिछले 6 साल से लगातार कवायद जारी है। अप्रैल 2018 से वल्लभ भवन में प्रशासनिक व्यवस्था को जवाबदेह बनाने और समय पर काम करने की प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की गई थी। सामान्य प्रशासन सहित सभी विभागों की प्रमुख फाइलों को स्कैन कर रिकॉर्ड तैयार किया गया, ताकि एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिल जाए। भृत्य से लेकर विभाग प्रमुखों को ट्रेनिंग दी गई। बावजूद सिस्टम पर फाइलें, नस्तियां और अन्य दस्तावेज अपलोड नहीं हो रहे।
अफसरों का तर्क, फाइल अपलोड करना मुश्किल
कई विभागों के अफसरों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अवकाश संबंधी एक पन्ने का अवेदन भी अपलोड करने में 10 से 15 मिनट लगते हैं। बड़ी फाइल के लिए आधा घंटा बर्बाद होता है। इससे अच्छा तो हैंड टू हैंड फाइलें जल्द आती-जाती हैं।
एनआईसी ने बताया-अब कोई समस्या नहीं
इधर, एनआईसी भोपाल में पदस्थ सुचिता कॉक ने बताया कि वर्जन 6.0 की जगह 7.0 लॉन्च कर दिया गया है। इस वर्जन से फाइलें, नस्तियां तथा अन्य दस्तावेज फास्ट अपलोड होती हैं।
ई-ऑफिस से यह फायदा
- कार्य प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
- काम करने की गति में सुधार होगा।
- समय-सीमा में काम हो सकेंगे।
विभागों का परफॉर्मेंस
- सामान्य प्रशासन विभाग ने 26 हजार फाइलें सिस्टम पर अपलोड करा दी हैं।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र की एमडी प्रियंका दास ने बताया उनका ऑफिस ई-फाइल हो चुका है।
यह व्यवस्था भी रहेगी
- मंत्रालय में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होगी, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैन्युअल फाइलें चलेंगी।
- अधिकारियों के टेबल पर फाइलों का अंबार वाली व्यवस्था बंद की जाएगी।
- केवल ऑनलाइन फाइलें सिस्टम से जनरेट होगी और ई-हस्ताक्षर से ही जारी की जाएगी।
- मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए बनने वाले प्रस्ताव भी ऑनलाइन तैयार होंगे।
सभी विभागों को पेपरलैस करने की तैयारी जारी
सभी सरकारी विभागों को ई- ऑफिस करने के लिए तैयारी चल रही है। निर्देश पहले से हैं फिर भी 1-2 दिन में विभागों को रिमाइंड कराया जाएगा। पूरी उम्मीद है कि 1 जनवरी से अधिकांश विभाग शत प्रतिशत पेपरलैस हो जाएंगे। -संजय दुबे, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग