इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर के लॉ कॉलेज में पढ़ाई जा रही थी हिंदुओं और RSS के खिलाफ भड़काने वाली किताब, FIR के बाद प्रिंसिपल का इस्तीफा

इंदौर। इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में विवादित किताब पढ़ाए जाने का मुद्दा शनिवार को तूल पकड़ गया। इस मामले में पुलिस ने किताब की लेखिका और प्रकाशक के साथ ही संस्थान के प्राचार्य और एक प्राध्यापक के खिलाफ FIR दर्ज की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का आरोप है कि कानून के छात्रों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदुओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।

छात्रों का कहना है कि इस किताब से धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है। इधर, विवाद बढ़ने पर  प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक किरण सलूजा ने बताया कि प्राचार्य ने इस्तीफे में लिखा है कि वह कॉलेज के छात्रों और बाहरी लोगों के आंदोलन से आहत हैं, और मजबूूर होकर पद छोड़ रहे हैं। सलूजा ने कहा- इस मामले की जांच सोमवार से शुरू होगी।

दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने की FIR

भंवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ शीर्षक वाली किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एक छात्र की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई है।

प्रदर्शन के बाद सरकार ने दिए थे FIR के आदेश

मामले सामने आने के बाद शनिवार सुबह गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam mishra) ने इंदौर पुलिस आयुक्त को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इससे पहले ABVP कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में विवादित किताब के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की थी। विवाद को देखते हुए कॉलेज में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

छात्रों का दावा- 5 साल से पढ़ा रहे थे किताब

कॉलेज में एबीवीपी के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि यह किताब कॉलेज की लाइब्रेरी में पिछले पांच सालों से पढ़ाई रही है। डॉ. फरहत खान की किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ में हिंदू समुदाय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। उन्होंने कहा कि मामला तूल पकड़ने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इसे आनन-फानन में लाइब्रेरी से हटवा दिया।

प्रकाशक बोले- लेखिका मांग चुकी हैं माफी

इधर, किताब के प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के हितेश खेत्रपाल ने कहा-  किताब का पहला संस्करण 2015 में छापा गया था। 2021 में इसके विवादित अंशों के बारे में पता चलने पर हमने इसकी लेखिका डॉ. फरहत खान से चर्चा कर किताब के संबंधित पेज बदलवा दिए थे। विवादित अंशों को लेकर किताब की लेखिका पहले ही माफीनामा दे चुकी हैं।

गुरुवार से मामले ने पकड़ा तूल

लॉ कॉलेज में विवाद की शुरुआत गुरुवार को हुई थी। उस दिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने संस्थान के कुछ शिक्षकों पर नए छात्रों के बीच धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि ये शिक्षक नए छात्रों के उनके मन में देश की सरकार और सेना को लेकर नकारात्मक बातें भर रहे हैं। हंगामे के बाद कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने 6 प्रोफेसर्स को शैक्षणिक कार्य से 5 दिन के लिए हटाने की बात कही थी। उन्होंने जिला अदालत के किसी रिटायर्ड जर्ज से आरोपों की जांच कराने की भी बात कही थी।

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