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प्रचार से बिगड़ा रूटीन; कुछ जांच कराने पहुंचे, तो कई लापरवाह

चुनाव प्रचार के 39 दिन तक न नींद पूरी हुई, न समय पर भोजन किया, कई नेताओं की तबीयत भी खराब हुई

नरेश भगोरिया-भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी, तब से मतदान तक 39 दिन होते हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इससे पहले अपने कई प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। तब से अब तक उम्मीदवारों ने 20-20 घंटे तक मेहनत की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कह चुके हैं कि वे चुनाव प्रचार के दौरान केवल ढाई घंटे की नींद पूरी कर पा रहे थे। ऐसे में प्रत्याशियों की दिनचर्या बिगड़ गई। प्रत्याशी सुबह से प्रचार पर निकल जाते थे, तो देर रात तक घर पहुंचते थे।

कई माननीय पहुंचे डॉक्टर्स के पास 

मतदान के बाद कई प्रत्याशी अपना हेल्थ चेकअप कराने डॉक्टर्स के पास पहुंचे। बुंदेलखंड के एक वरिष्ठ भाजपा नेता सेहत को लेकर जागरूक रहते हैं। मतदान के बाद वे भोपाल पहुंचे और अपने चिकित्सक से चेकअप कराया। एक अन्य कांग्रेस प्रत्याशी के करीबी ने बताया कि माननीय ने मतदान के बाद डॉक्टर्स को दिखाया था। अशोकनगर से भाजपा प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी, होशंगाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी गिरिजाशंकर बीमार हो गए थे।

जीत की ज्यादा चिंता, नहीं कराया चेकअप

विजयपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत ने कहा कि मैं डॉक्टर के पास तो चेकअप कराने नहीं गया। प्रचार में इतनी मेहनत तो करनी ही पड़ती है। सबलगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी बैजनाथ यादव ने कहा कोई जरूरत नहीं पड़ी। यहां तो सब बहुत अच्छा रहा, हम चुनाव भी जीत रहे हैं।

सर्दी-खांसी की समस्या

चुनाव प्रचार के दौरान मौसम परिवर्तन और रोज छोटी-बड़ी दर्जनों सभाएं करनी पड़ती थीं। सर्दी-खांसी और गला बैठने की समस्या आम रही।

हेल्थ चेकअप जरूरी है

सबके के लिए स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। रूटीन बदलने और लगातार कई दिनों तक नियमित समय पर खान-पान नहीं होने, नींद पूरी नहीं होने पर एक बार हेल्थ चेकअप जरूर कराना चाहिए। खासतौर से उम्रदराज जिन्हें डायबिटीज या हायपरटेंशन जैसी समस्या है, उन्हें सावधानी रखनी चाहिए। – डॉ. हितेष बाजपेयी

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