
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बहेरहा बाड़े में कैद एक बाघ को आखिरकार आजादी मिल गई है। यह बाघ पिछले एक साल से पार्क के बाड़े में कैद था और अब उसे संजय टाइगर रिजर्व में खुले जंगल में छोड़ा गया है। यह कदम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण आयोग के निर्देशों के तहत उठाया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और शिफ्टिंग प्रक्रिया
मंगलवार को रेस्क्यू दल ने बाघ को पिंजरे में डाला और विशेष वाहन से उसे संजय टाइगर रिजर्व ले गए। वहां, खुले जंगल में बाघ को छोड़ा गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा, वन्य जीव चिकित्सक और पार्क की एक्सपर्ट रेस्क्यू टीम के सदस्य शामिल थे।
बाघ का जंगल में प्रवेश
पिंजरे से बाहर निकलते ही बाघ ने जंगल की ओर छलांग लगाई और चंद सेकंडों में वह जंगल में ओझल हो गया। इस दौरान पार्क प्रबंधन की टीम ने बाघ के विचरण पर निगरानी बनाए रखी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सुरक्षित तरीके से अपने नए घर में बस सके।
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