
छिंदवाड़ा/भोपाल। जिले के मोहखेड थाना क्षेत्र के खूनाझिरखुर्द गांव में एक कुएं के गहरीकरण के दौरान अचानक धसक जाने से कुएं के अंदर काम कर रहे मां-बेटा सहित तीन मजदूरों की मलबे में दब जाने के कारण मौत हो गई है। हालांकि शव अभी कुएं से बाहर नहीं निकाले जा सके हैं। एनडीआरएफ की टीम अभी भी रेस्क्यू कार्य में जुटी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना पर दुख जताया है। साथ ही मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने का ऐलान किया है।
सीएम ने ‘X’ पर पोस्ट कर जताई संवेदना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘छिंदवाड़ा जिले अंतर्गत ग्राम खूनाझिरखुर्द में निजी जमीन पर पुराने कुएं के गहरीकरण के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना में 3 मजदूरों की असामयिक मृत्यु का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है।
पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू कर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का हरसंभव प्रयास किया, परन्तु बचाया नहीं जा सका। नियमानुसार, शासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। परमपिता परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करे, यही प्रार्थना करता हूं।’
कुआं धंसने से दबे गए थे मजदूर
पुलिस के अनुसार, खूनाझिर खुर्द गांव में मंगलवार शाम एक कुएं के गहरीकरण का कार्य किया जा रहा था। तभी कुएं का एक हिस्सा अचानक धसक गया, जिसके चलते उसके मलबे में दबी महिला शहजादी (50) और उसके बेटे राशिद (18) तथा एक अन्य मजदूर वाशिद (18) की दबकर मौत हो गई है। घटना के बाद से शुरू हुआ राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ और एडीआरएफ की टीमों के साथ पोकलेन मशीनें रेस्क्यू कार्य में जुटी थीं।
पोकलेन मशीनों से रेस्क्यू
रात भर चले राहत एवं बचाव कार्य के बाद सुबह 11बजे तक तीनों को निकाला नहीं जा सका है। एसडीआरएफ और एडीआरएफ की टीमों के साथ पांच पोकलेन मशीनें अंदर फंसे लोगों के रेस्क्यू में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि मिट्टी के बार-बार धंस जाने के कारण रेस्क्यू दल को सफलता नहीं मिल पाई।
कुएं से महिला की आवाज आनी बंद
कुएं के मलबे के बीच फंसी महिला की सुबह छह बजे तक बचाने की आवाज आ रही थी, लेकिन इसके बाद आज सुबह फिर एक बार कुएं की मिट्टी धसक गई, जिसके बाद आवाज आनी बंद हो गई है।
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