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संघ ने हर स्वयं सेवक को 10 वोटर्स को मोटिवेट करने का सौंपा था जिम्मा

विस चुनाव में 65 हजार बूथों पर दिखाया दस का ‘दम फर्स्ट वोटर पर रखा फोकस

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पहली बार भाजपा सहित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। संघ के स्वयंसेवक प्राय: लोकसभा चुनाव में रुचि लेते हैं लेकिन विधानसभा में उनकी सक्रियता का यह पहला मौका था। संघ के प्रदेश प्रमुख दीपक विस्पुते सहित प्रांतीय पदाधिकारी भी मोर्चे पर डटे रहे। प्रदेश के सभी 65 हजार बूथों पर संघ ने ‘दस’ का दम दिखाया। एक स्वयंसेवक को 10 वोटर्स को ‘मोटिवेट’ करने की जवाबदारी सौंपी गई। टारगेट पर मुख्य रूप से पहली बार के 22 लाख वोटर्स, महिलाएं, किसानों और आदिवासी को रखा गया था। संघ से जुड़े पदाधिकारियों का दावा है कि चुनावी नतीजे बहुमत के साथ भाजपा के पक्ष में रहेंगे अब देखना ये है कि संघ की रणनीति परिणाम पर कितना असर दिखाएगी।

तीन दिन पहले ही रणनीति

संघ में वरिष्ठ स्तर से मिले निर्देशों के बाद मतदान के दो-तीन दिन पहले ही चाक-चौबंद व्यवस्थाएं जुटाने की रणनीति बनाई गई। चुनाव के अंतिम दौर में सत्ता-संगठन और खुफिया तंत्र से जो ”इनपुट्स ”मिले थे उसके बाद ही प्लान ”बी ” के तहत ताबड़तोड़ व्यवस्थाएं जुटाकर पूरे नेटवर्क को सक्रिय किया गया। हर बूथ पर स्वयंसेवकों को भेजा गया। एक स्वयंसेवक को 10 वोटर्स को घर से निकालने की जवाबदारी सौंपी गई। बड़े शहरों में अभिजात्य वर्ग के उन परिवारों पर फोकस किया गया जो कि अमूमन वोट डालने नहीं जाते।

प्रांतीय स्तर पर मॉनिटरिंग

भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर- चंबल, सागर, जबलपुर और रीवा- शहडोल में प्रांतीय स्तर के पदाधिकारियों ने लगातार मॉनिटरिंग कर समन्वय बनाए रखा। भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी अपने नेटवर्क को मतदान बढ़ाने में लगाए रखा।

समन्वयकों को सौंपा टास्क

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने महाकोशल के मुख्यालय जबलपुर में कई दौर की बैठकों के बाद समन्वयकों को यह टास्क सौंपा। इसके बाद प्रांतीय पदाधिकारियों ने टोली, समन्वयक और स्वयं सेवकों को काम पर लगा दिया। संघ की तरफ से इन्हें निर्देश दिए गए थे कि उन्हें किसी भी दल का झंडा, बैनर पोस्टर्स नहीं उठाना है।

संघ ने कराई स्टडी

नाम न छापने की शर्त पर एक समन्वयक ने बताया किसंघ की स्टडी है कि बढ़ा हुआ वोट परोक्ष रूप से भाजपा के पक्ष में जाएगा।

ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस मुहिम में सामाजिक संगठनों ने भी भरपूर सहयोग दिया। वीडी शर्मा, अध्यक्ष मप्र भाजपा

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