
नई दिल्ली। भारतीय यात्री वाहन (पैसेंजर व्हीकल) बाजार 2025 में पहली बार 4.5 मिलियन यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा पार करने के लिए तैयार है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही कारों की कीमतों में वृद्धि हो लेकिन 2024 की सकारात्मक आर्थिक स्थिति और उपभोक्ता भावना इस साल भी जारी रहेगी। बढ़ती मांग के साथ-साथ, बाजार में प्रीमियमाइजेशन का रुझान दिखाई दे रहा है, जिससे कीमतों में उल्लेखनीय बदलाव आ रहा है।
कारों की कीमतों में हुई वृद्धि
लक्सरी कारों की औसत कीमत इस साल 1 करोड़ होने की उम्मीद है, जो 2024 में 90.11 लाख रुपए थी। इसी तरह, सामान्य बाजार की कारों की औसत कीमत 2024 में 11.64 लाख रुपए से बढ़कर 13 लाख रुपए हो सकती है। एसयूवी की मांग मजबूत बनी रहने की उम्मीद है, जबकि छोटी एंट्री-लेवल कारों की मांग में भी सुधार होने की संभावना है। यह बदलाव हाल ही में दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि के बाद देखा गया है।
बड़ी कंपनियों ने बढ़ाई कीमतें
भारतीय यात्री वाहन उद्योग अब मात्रा पर आधारित बाजार से मूल्य पर आधारित बाजार की ओर बढ़ रहा है। उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं और कड़े नियामक मानकों के कारण यह परिवर्तन तेजी से हो रहा है। मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) अब बेहतर सुविधाओं और वहनीयता के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकांश कार निर्माताओं ने अपने मॉडलों की कीमतों में 2-4 फीसदी की वृद्धि की है, जिसका मुख्य कारण कच्चे माल की बढ़ती कीमतें, संचालन लागत और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर होना है। मारुति सुजुकी, हुंडई, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी और निसान जैसी कंपनियों ने जनवरी 2025 से अपनी कीमतें बढ़ा दी हैं।
पिछला साल इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छा रहा
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि 2024 ऑटो उद्योग के लिए काफी अच्छा रहा। सकारात्मक उपभोक्ता भावना और देश की आर्थिक स्थिरता ने विभिन्न वाहन खंडों में संतोषजनक वृद्धि को बढ़ावा दिया। 2024 में यात्री वाहन की बिक्री 4.2 फीसदी बढ़कर लगभग 4.3 मिलियन यूनिट हो गई, जो किसी भी कैलेंडर वर्ष में अब तक का सबसे अधिक है। दिसंबर 2024 की तिमाही में बिक्री ने 1.06 मिलियन यूनिट का रिकॉर्ड दर्ज किया, जो वार्षिक रूप से 4.5 फीसदी अधिक है।
इस साल भी जारी रहेगा सकारात्मक रुझान
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में यह सकारात्मक रुझान जारी रहेगा। भारत उन कुछ वैश्विक बाजारों में से एक है जहां कोविड-19 महामारी के बाद कारों की बिक्री में तीव्र वृद्धि हुई है। 2023 में पहली बार वार्षिक कार बिक्री ने 4 मिलियन का आंकड़ा पार किया और 2024 में इसे और बेहतर किया। 2025 में कार बिक्री 5-6 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की खपत और सरकारी खर्च में वृद्धि मुख्य भूमिका निभाएंगे। यह वृद्धि भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेजी और स्थिर नीतिगत ढांचे के कारण संभव हो रही है। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार अब वैश्विक मंच पर तेजी से उभर रहा है।
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