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राष्ट्रपति ने आडवाणी को घर जाकर दिया भारत रत्न, खराब स्वास्थ्य के कारण कल नहीं आए थे; PM मोदी, राजनाथ और शाह रहे मौजूद

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आज देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। बता दें कि, बीते दिन भारत रत्न सम्मान समारोह रखा गया था। जिसमें 4 शख्सियतों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

खराब स्वास्थ्य के कारण नहीं आए थे आडवाणी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खराब स्वास्थ्य के कारण आडवाणी समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। बता दें कि, पीएम मोदी ने 3 फरवरी को उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा और RSS से जुड़े तीसरे नेता हैं।

नरसिम्हा राव समेत 4 शख्सियतों को मरणोपरांत भारत रत्न

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार यानी की 30 मार्च को देश की 4 शख्सियतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन, और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के परिवार वाले थे जिन्होंने ये सम्मान लिया।

एक कृषि वैज्ञानिक, 4 पॉलिटिशियन को सम्मान

केंद्र ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो जाएगी।

लालकृष्ण आडवाणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 फरवरी को लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। बता दें कि आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं।

साल 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में आडवाणी गृहमंत्री रह चुके हैं। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।

2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा और RSS से जुड़े तीसरे नेता हैं।

पीवी नरसिम्हा राव

पीवी नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री थे। वे लगातार आठ बार कांग्रेस पार्टी में 50 साल से ज्यादा समय गुजारने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्हें भारत की राजनीति का चाणक्य भी कहा जाता है। वे 10 भाषाओं में बात कर सकते थे और अनुवाद के भी उस्ताद थे।

PM मोदी ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करते वक्त कहा था- प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोला है, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने कानून में प्रशिक्षित चरण ने गाजियाबाद से अपने पेशे की शुरुआत की। वे 1929 में मेरठ आने के बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए।
चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वे उत्तर प्रदेश के 5वें मुख्यमंत्री भी रहे थे। PM मोदी ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करते वक्त कहा था- हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों के अधिकार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की आग को जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर साधारण नाई परिवार में जन्मे थे। कहा जाता है आपातकाल के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद इंदिरा गांधी उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा सकीं थीं। वे पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। वे दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी CM रहे।

डॉ. एमएस स्वामीनाथन

कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी में साल 1925 में हुआ था। स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक थे। उन्हें भारत में ‘हरित क्रांति’ का जनक कहा जाता है।

PM मोदी ने 9 फरवरी को उनके सम्मान की घोषणा करते हुए कहा था- डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है।

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