
हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले कंगना को सिख चरमपंथी समूहों द्वारा जान से मारने की धमकी मिली है। इस मामले में सोशल मीडिया पर कंगना के एक फैन ने वीडियो पोस्ट किया है। बता दें कि इस फिल्म में वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। जान से मारने की धमकी मिलने के बाद कंगना ने सोशल मीडिया पर पुलिस से मदद मांगी है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी।
कंगना ने पुलिस से मांगा प्रोटेक्शन
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो पर कंगना ने रिएक्ट किया। उन्होंने लिखा- ‘कृपया इस पर गौर करें’। इसके साथ ही महाराष्ट्र के डीजीपी, हिमाचल और पंजाब की पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मींग की।
फिल्म रिलीज की तो, सरदारों ने आपको चप्पल मारनी है…
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ निहंग बैठे हुए हैं। उनके साथ बैठा विक्की थॉमस सिंह कंगना रनौत को धमकी दे रहा है। वीडियो में वह कहता नजर आ रहा है कि, ‘आप ये पिक्चर रिलीज करते हो तो सरदारों ने आपको चप्पल मारनी है। लाफा तो आपने खा लिया। मैं बहुत गौरवान्वित भारतीय हूं। अगर मैं आपको अपने देश और अपने महाराष्ट्र में कहीं भी देखूं, तो मैं यह बात सिर्फ एक सिख और एक गौरवान्वित मराठी के रूप में नहीं कह रहा हूं, बल्कि मेरे सभी हिंदू, ईसाई और मुस्लिम भाई भी चप्पलों से आपका स्वागत करेंगे।’
सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं…
वीडियो में आगे कहा- ‘इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर वे फिल्म में सिखों को आतंकवादी के रूप में चित्रित करते हैं, तो फिर याद रखना जिसकी फिल्म कर रही है उसका क्या सीन होगा। याद रखें सतवंत सिंह और बेअंत सिंह कौन थे। जो हमें उंगली करते हैं, वो उंगली ही चटका देते हैं हम… अगर हम सिर कटवा सकते हैं तो सिर काट भी सकते हैं।’
कौन है विक्की थॉमस ?
मार्च 2020 के बाद विक्की थॉमस सोशल मीडिया पर पॉपुलर हुए। वह लगातार अपने वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। ज्यादातर वीडियो गुरुघरों में और बड़े सिख चेहरों के साथ बनाए जाते हैं। इतना ही नहीं पिछले साल 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा में भी विक्की नजर आया था।
कंगना के बयान से BJP ने पल्ला झाड़ा
दरअसल, हाल ही में एक इंटरव्यू में कंगना ने बयान दिया था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। यदि हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत न होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब भी बांग्लादेश बन गया होता।
कंगना के इस बयना पर भाजपा ने असहमति जताते हुए किनारा कर लिया।भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। वे पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं। पार्टी के बयान में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलने की बात कही गई है।