भोपालमध्य प्रदेशस्वास्थ्य

MP में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की दस्तक, सूअरों के सैंपल में पुष्टि; इस जिले फैला वायरस

भोपाल। मध्य प्रदेश में लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु अनुसंधान प्रयोगशाला में रीवा जिले से आए सूअरों के 10 सैंपल में अफ्रीकन स्वाइप फ्लू वायरल की पुष्टि हुई है।

रीवा से भोपाल भेजे थे सूअरों के सैंपल

सूत्रों के मुताबिक, संस्थान की ओर से जांच रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है। रीवा जिले के वेटरनरी उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि रीवा शहर के वार्ड 15 में धोबिया टंकी इलाके में सूअरों के बीमार होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सूअरों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे थे। डॉ. मिश्रा के मुताबिक, उन्हें अभी तक अधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है, इस कारण रोकथाम के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।

कैसे फैलता है वायरस ?

यह एक अत्यधिक घातक संक्रामक रोग है, जो अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरस के जरिए फैलता है। इससे प्रभावित सुअरों को बुखार, दस्त, उल्टी, कान और पेट में लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। बहुत ज्यादा संक्रामक होने की वजह से संपर्क में आने वाले दूसरे सूअर बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। बुखार के साथ एनोरेक्सिया, भूख ना लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त शामिल होते हैं।

ऐसे किया जाता है कंट्रोल

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू वायरस को कंट्रोल करने के लिए एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सूअरों को मार दिया जाता है। ताकि बीमारी से दूसरे सूअर को संक्रमित होने से बचाया जा सके। इसके अलावा तीन किलोमीटर के दायरों में सभी जानवरों की सैंपलिंग कर निगरानी करना होगी।

ये भी पढ़ें: भोपाल में दर्दनाक हादसा : बस ने महिला को रौंदा, मौके पर मौत; बहन के घर राखी बंधवाने जा रहे थे

बढ़ रहे लंपी स्किन डिसीज के मामले

इसके पहले प्रदेश के पशुओं में लंपी स्किन डिसीज के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी से पशुओं के शरीर पर गठाने होने के साथ ही बुखार और सर्दी-जुकाम होता है। इससे संक्रमित पशुओं की मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। पशुपालन विभाग के मुताबिक, अभी तक प्रदेश में 165 मामलों की लैब से पुष्टि हो चुकी है।

स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button