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सुधा मूर्ति ने राज्यसभा की सदस्य के तौर पर ली शपथ, नारायणमूर्ति और पीयूष गोयल भी मौजूद

नई दिल्ली। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी लेखिका सुधा मूर्ति ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। सुधा मूर्ति ने गुरुवार (14 मार्च) को राज्यसभा के स्पीकर जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में संसद के उच्च सदन की सदस्य के तौर शपथ ली। इस दौरान वहां उनके पति नारायणमूर्ति और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।

8 मार्च को हुईं थीं राज्यसभा के लिए नॉमिनेट

राष्ट्रपति ने 8 मार्च को सुधा मूर्ति का नाम मनोनित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया X हैंडल से इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था ‘मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा कृष्णमूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है। सुधा जी का सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।’

कंपनी शुरू करने के लिए पति को दिए थे 10 हजार रुपए

सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ-साथ मशहूर लेखिका भी हैं। सुधा मूर्ति ने ही 1981 में इंफोसिस की शुरुआत के दौरान पति एन आर नायारण मूर्ति को 10 हजार रुपए के उधार दिए थे। इंफोसिस आज भारत की टॉप-10 वैल्यूएबल कंपनियों में शामिल है। टाटा ग्रुप की TCS के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है। इसका कारोबार अमेरिका, इंग्लैंड सहित कई देशों में हैं। इंफोसिस का मार्केट कैप 6 लाख 69 हजार 920.64 करोड़ रुपए है। नारायण मूर्ति ने 1981 में अपने 6 साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस की शुरुआत की थी। सुधा मूर्ति कई इंटरव्यू में बता चुकी है कि जब नारायण मूर्ति ने कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया था, तब वे एक कमरे के मकान में रहते थे। कंपनी का नाम इंफोसिस तय हो चुका था, लेकिन पैसों की तंगी बनी हुई थी। नारायण मूर्ति ने अपना हिस्सा देने के लिए पत्नी से उस समय 10,000 रुपए उधार लिए थे।

सुधा ने 30 से ज्यादा किताबें लिखीं

सुधा मूर्ति का जन्म उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था। सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है। सुधा मूर्ति ने विभिन्न शैलियों में 30 से अधिक किताबें लिखी हैं। उनकी किताबें मुख्य रूप से कन्नड़ और अंग्रेजी में हैं, लेकिन उनका कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। सुधा बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। सुधा इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं। जब वह क्लास में प्रथम आईं तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें पदक से सम्मानित किया।

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