
अमृतसर। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने शनिवार को पूरे राज्य में ऑपरेशन चलाया। पुलिस ने शनिवार रात तक संगठन से जुड़े 78 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं दोपहर में खबर आई थी कि, डेढ़ घंटे पीछा करने के बाद पुलिस ने संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, पुलिस ने रात को बयान जारी कर बताया कि, अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उनकी तलाश जारी है।
पंजाब सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, माहौल न बिगड़े इसलिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 18 मार्च से 19 मार्च तक निलंबित रहेंगी। राज्य में रविवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद रहेंगी।
पुलिस को देख फरार हो गया अमृतपाल
अमृतपाल ने शनिवार को जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। इसी को ध्यान में रखते हुए अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में रणनीति बनाई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई। अमृतपाल का काफिला जैसे ही शनिवार दोपहर करीब 1 बजे जालंधर के मैहतपुर कस्बे के पास पहुंचा, पुलिस ने उन्हें घेर लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। धर्मकोट के नजदीक महितपुर थाने के पास पुलिस ने ये 6 गिरफ्तारियां की हैं। इनके पास से हथियार भी मिले हैं।
वहीं अमृतपाल की कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी, जो पुलिस को देखकर दूसरी तरफ मुड़ गई। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ हेट स्पीच समेत 3 केस दर्ज हैं।
पुलिस थाने पर समर्थकों के साथ किया था हमला
बता दें कि, 23 फरवरी 2023 को खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। ये लोग अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इनके पास तलवार और बंदूकें थीं। इसके साथ ही उनके पास श्री गुरुग्रंथ साहिब की पवित्र बीड़ भी थी। जिसकी वजह से जवान पीछे हट गए और दबाव में आकर पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था।
कौन है अमृतपाल सिंह
30 वर्षीय अमृतपाल सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संचालित करता है। एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने ये संगठन बनाया था। 15 फरवरी 2022 को उसकी सड़क हादसे में मौत होने के बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया। जिसके बाद ‘वारिस पंजाब दे’ वेबसाइट बनाई गई और लोगों को संगठन से जोड़ना शुरू किया गया। खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था। वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया।