चेन्नई। राज्यपाल और राज्य सरकार के असहमति के मामले सामने आते रहते हैं, लकिन जो आज तमिलनाडु में हुआ वो अनोखा था। राज्यपाल आरएन रवि ने आज विधानसभा में सरकार द्वारा दिए गए अभिभाषण को पढ़ने से ही इनकार कर दिया। राज्यपाल ने लगभग डेढ़ मिनट का भाषण देने के बाद विधानसभा से चले गए। इतिहास में पहली बार ऐसी घटना हुई जब राज्यपाल ने अभिभाषण नही पढ़ा। इसके बाद भी डीएमके सरकार ने उस लिखित भाषण के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर दिया जिसे राज्यपाल ने पढ़ा ही नहीं।
राज्यपाल ने क्या कहा ?
राज्यपाल ने केवल एक मिनट का अभिभाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा- मैं सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण से असहमत हूं और इसे आगे नहीं पढ़ सकता। इसी के साथ उन्होंने राष्ट्रगान का ‘सम्मान नहीं करने’ के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार की आलोचना की। राज्यपाल ने आगे कहा कि, राष्ट्रगान के प्रति सम्मान दिखाने और इसे संबोधन की शुरुआत और अंत में बजाने के उनके बार-बार अनुरोध और सलाह को सरकार ने नजरअंदाज किया है। मैं कामना करता हूं कि यह सदन लोगों की भलाई के लिए सार्थक और स्वस्थ चर्चा करे।
इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
तमिलनाडु विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्यपाल ने सदन में अपना संबोधन दो मिनट होने से पहले ही समाप्त कर दिया। बता दें कि विधानसभा में पारंपरिक राज्यपाल के अभिभाषण के लिए सरकार द्वारा 12 फरवरी को सदन बुलाया गया था।
आरिफ मोहम्मद खान ने भी मिनटों में समाप्त किया था अभिभाषण
राज्यपाल रवि ने विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और विधायकों का तमिल में अभिवादन किया और सरकार के साथ अपनी असहमति व्यक्त करने के बाद कुछ ही मिनटों में अपना अभिभाषण समाप्त कर दिया। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी हाल में अपना परंपरागत अभिभाषण केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़कर कुछ ही मिनटों में समाप्त कर दिया था।
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