
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को शिवराज सरकार पर ताबड़तोड़ हमले बोले। 15 महीने की कमलनाथ सरकार से सवाल पूछने, विधानसभा सत्र चलने नहीं देने और प्रदेश में शराब की बिक्री को लेकर उन्होंने सरकार पर अंगुली उठाई। मप्र सरकार के बजट पर पटवारी ने कहा कि जो बजट बनेगा उसमें 30 प्रतिशत राशि भ्रष्टाचार में लेनी है। बची 20 प्रतिशत राशि में 4 लाख करोड़ की देनदारियां देनी हैं। इसके बाद जो बची हुई राशि है उस राशि से वेतन देना है। विधायकों, सांसदों के घर ठीक कराने हैं। मंत्रियों की अय्याशी पर खर्च करना है। फिर जो 10 प्रतिशत बचेगा, वह मुख्यमंत्री की लाइव प्रेजेंटेशन, मंच से सस्पेंड करने और अपनी छवि सुधारने में लगाना है।
सीएम का सवाल पूछना ठीक नहीं
पटवारी ने कहा- कुछ दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं। 20 साल का मुख्यमंत्री 15 महीने के मुख्यमंत्री से सवाल करता है… उन्होंने कहा- सरकार से सवाल करने का अधिकार जनता का, विपक्ष का और मीडिया का है। सत्ता का इस तरह से सवाल करना लोकतंत्र के लिए घातक है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल पूछे- कहा- रोजगारों की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है मुख्यमंत्री जी! अडाणी ग्रुप, जिसने महाअपराध किया है उसमें शिवराज सरकार की भूमिका क्या है, उन्हें मप्र में कितनी जमीन दी गई। शिवराज सरकार यह बताए। उन्होंने एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देकर पूछा कि मप्र में महिलाओं के साथ रेप क्यों होता है? आदिवासियों के साथ अत्याचार क्यों हैं? महिलाओं के अपहरण क्यों हैं? इन सवालों का उत्तर कौन देगा मुख्यमंत्री जी!
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उमा भारती को लेकर कसा तंज
पटवारी ने कहा- सवाल तो ये भी बनता है मुख्यमंत्रीजी, उमा भारती जी आपसे पहले मुख्यमंत्री थीं। वह शराब दुकानों के सामने गाय बांध रही हैं। दुकानों के बाहर बोतलें फोड़ रही हैं। रोज आपसे इसी मुद्दे पर मिल रही हैं। अपने सम्मान को धीरे-धीरे करके समाप्त कर रही हैं। आपकी पार्टी की पूर्व मुख्यमंत्री हैं, लेकिन शराब नीति को लेकर उनके सवालों का उत्तर भी आज तक आपने नहीं दिया। कमलनाथ की सरकार से 15 महीनों का जवाब मांगना आपका अधिकार हो सकता है लेकिन इन सवालों के जवाब देना भी आपका उत्तरदायित्व है। पटवारी ने कहा- मैं शराबबंदी के पूर्ण समर्थन में हूं।
आर्थिक हालात पर जवाब दें
पटवारी ने कहा- मैंने विधानसभा सत्र में आर्थिक हालात को लेकर एक श्वेतपत्र की मांग की थी। मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन उन्होंने उसका उत्तर नहीं दिया। इस बार 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का आरोपपत्र रखूंगा। उन्होंने बताया कि पिछली बार मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया। लेकिन इस बार हम जवाब चाहते हैं।
सत्र नहीं चलने देना चाहती सरकार
पटवारी ने विधानसभा सत्र को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक महीने के विधानसभा सत्र की शुरुआत होगी, लेकिन यह गुमराह करने की है। बैठक सिर्फ 13 दिन होगी, जबकि दिखाई एक महीना जा रही है। 13 दिन में 10 दिन बजट पर चर्चा होगी। यानी सत्र नहीं चलाने का पूरा प्रयास है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध है कि सत्र नहीं चलता तो अध्यक्ष की गरिमा भी गिरती है…सत्र के इस तरह के प्रस्ताव की निंदा करता हूं।