इंदौरमध्य प्रदेश

उज्जैन: PM मोदी आज देश को समर्पित करेंगे ‘महाकाल लोक’, जानें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश के उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ (कॉरिडोर) का पहला चरण देश को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी शाम 6.30 बजे 200 संतों की मौजूदगी में इसका लोकार्पण करेंगे। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री करीब 40 मिनट मंदिर में रहेंगे। इस दौरान वे गर्भगृह में पूजन तथा नंदी मंडपम् में बैठकर ध्यान लगाएंगे। इसके बाद वह देशभर से आए साधु संतों से मुलाकात करेंगे।

कॉरिडोर में बनाए गए हैं 108 स्तंभ

कॉरिडोर की लंबाई करीब 910 मीटर है। यहां कुल 108 स्तंभ बनाए गए हैं और सभी स्तंभों पर भगवान शिव और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का वर्णन किया गया है। ‘महाकाल लोक’ का निर्माण 856 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। पहले चरण में महाकाल लोक को 316 करोड़ रुपए में विकसित किया गया है।

डमरू, नगाड़ों से होगा पीएम मोदी का स्वागत

महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में शामिल होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत संगीतमय अंदाज में होगा। अलग-अलग कलाकार लोकार्पण के दौरान शंख, डमरू, नगाड़े बजाएंगे। इसके अलावा श्लोक भी गूंजेंगे।

14 राज्यों के 650 कलाकार पीएम के सामने देंगे प्रस्तुति

महाकाल लोक के अवलोकन के दौरान पीएम मोदी को अलग-अलग प्रदेशों की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी। जिसके लिए मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल सहित 14 राज्यों की टीम उज्जैन दो दिन पहले ही पहुंच चुकी है। करीब 650 कलाकार महाकाल लोक में अलग-अलग स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे।

 

राजस्थान, गुजरात व ओडिशा के कलाकारों ने तराशे पत्थर

इस परियोजना की शुरुआत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्राप्त बलुआ पत्थरों का उपयोग उन संरचनाओं के निर्माण के लिए किया गया है जो इस कॉरिडोर की शोभा बढ़ाते हैं। राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के कलाकारों और शिल्पकारों ने मुख्य रूप से पत्थरों को तराशकर और उन्हें अलंकृत कर सौंदर्य स्तंभों और पैनल में तब्दील किया है।

सीसीटीवी कैमरे लगाए

सूत्रों के मुताबिक, नियमित अंतराल पर त्रिशूल-शैली की डिजाइन पर सजावटी तत्वों के साथ 108 स्तंभ, सीसीटीवी कैमरे और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है। उज्जैन स्मार्ट सिटी परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि उज्जैन एक प्राचीन और पवित्र शहर है तथा पुराने हिंदू ग्रंथों में महाकालेश्वर मंदिर के आसपास महाकाल वन की मौजूदगी का वर्णन है।

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कॉरिडोर में लगाए रुद्राक्ष-कदम के पौधे

कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों के पौधों को कॉरिडोर में लगाया गया है। उज्जैन स्मार्ट सिटी परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि धार्मिक महत्व वाली लगभग 40-45 ऐसी प्रजातियों का उपयोग किया गया है, जिनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं। उज्जैन, पुरानी क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित, एक प्राचीन शहर है, जिसे पहले उज्जैनी और अवंतिका के नाम से भी जाना जाता था और यह शहर राजा विक्रमादित्य की कथा से जुड़ा हुआ है।

उज्जैन इंदौर हाईवे को सजाया गया।

12 ज्योतिर्लिंग में से एक है महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। जहां देश के विभिन्न इलाकों से लोग सालों भर दर्शन एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं। दो राजसी प्रवेश द्वार, नंदी द्वार और पिनाकी द्वार थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कॉरिडोर के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाते हैं और रास्ते भर सौंदर्य के दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए शहर को सजाया जा रहा है।

ऐसा रहेगा पीएम मोदी का कार्यक्रम

  • उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को सबसे पहले इंदौर पहुंचेंगे। वहां से पीएम शाम 5:30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। जहां वह सबसे पहले बाबा महाकाल की पूजा अर्चना करेंगे।
  • उसके बाद 6 बजकर 30 बजे महाकाल प्रोजेक्ट के नंदी द्वार पर लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
  • इसके बाद पीएम शाम 7 बजे कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंचेंगे और जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
  • इस सभा में शामिल होने के लिए बीजेपी ने उज्जैन जिले में घर-घर लोगों को पीले चावल देकर आमंत्रित किया है।

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