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पंडित बिरजू महाराज : आज गंगा में प्रवाहित होंगी अस्थियां, काशीवासी देंगे श्रद्धांजलि; नटराज संगीत अकादमी में दर्शन के लिए रखा जाएगा कलश

कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का अस्थि कलश आज काशी में गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। शुक्रवार देर रात परिजन अस्थि कलश लेकर बनारस पहुंचे। बिरजू महाराज का अस्थि कलश कबीरचौरा और सिगरा की कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

वैदिक रीति से पूजन के बाद किया जाएगा प्रवाहित

काशी के कलाकारों और पंडित बिरजू महाराज के प्रशंसकों द्वारा पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अस्थि कलश अस्सी घाट ले जाया जाएगा। अस्सी घाट पर अस्थि कलश का वैदिक रीति से पूजन किया जाएगा और फिर पंडित बिरजू महाराज के परिजनों द्वारा उसे गंगा में प्रवाहित कर दिया जाएगा।

हार्ट अटैक से हुआ था निधन

बीती 16 जनवरी की देर रात 83 वर्षीय पंडित बिरजू महाराज का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। पंडित बिरजू महाराज की शिष्या डॉ. संगीता सिन्हा ने बताया कि महराज जी का अस्थि कलश शुक्रवार को लखनऊ स्थित उनके पैतृक आवास (बिंदादीन महाराज की ड्योढ़ी) में रखा गया था। जहां सभी ने अस्थि कलश के दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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इसके बाद परिजन अस्थि कलश लेकर काशी के लिए रवाना हुए और देर रात यहां पहुंचे। अस्थि कलश के साथ पंडित बिरजू महाराज के बड़े पुत्र पंडित जय किशन महाराज और शिष्या शाश्वती सेन के अलावा परिवार के अन्य लोग भी काशी आए हैं।

अस्थि कलश यात्रा

डॉ. संगीता सिन्हा ने बताया कि कबीरचौरा में दर्शन के बाद घंटे भर तक अस्थिकलश संगीत अकादमी के परिसर में रहेगा। इसके बाद यहीं से अस्थि कलश की यात्रा अस्सी घाट के लिए निकलेगी। अस्सी घाट पर पूजापाठ के बाद गंगा की बीच धारा में महाराज जी का अस्थि कलश विसर्जित किया जाएगा।

बृजमोहन मिश्रा था असली नाम

पंडित बिरजू महाराज का असली नाम बृजमोहन मिश्रा था। उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था। बिरजू महाराज कथक के पर्याय थे। वह लखनऊ के कालका बिंदादीन घराने के सदस्य थे। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज कथक नर्तक होने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे।

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