हर्षित चौरसिया/जबलपुर। डायबिटीज और बीपी की समस्या से ग्रस्त मरीजों के लिए वरदान बन रही स्टीविया की पत्तियों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। शकर से 300 गुना तक अधिक मिठास वाली जबलपुर की इन पत्तियों की मांग प्रदेश में भोपाल, इंदौर और छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र के साथ विदेशों में भी बढ़ गई है। स्थानीय किसानों के एक समूह को मॉस्को (रूस) की एक कंपनी की ओर से 3 कटेंनर (1 कटेंनर में 20 टन) यानि 60 टन की डिमांड आई है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के हर्बल प्लांट में इस पत्ती की मांग पिछले एक साल में 25 किलो से बढ़कर एक क्विंटल तक पहुंच गई है। यह डिमांड स्थानीय लोगों और पड़ोसी जिलों की है।
1. ऑर्गेनिक फार्मिंग से तैयार एक क्विंटल पत्तियों की कीमत बाजार में करीब 20-25 हजार रुपए है।
2. बिना ऑर्गेनिक फार्मिंग से उगाए गए पौधों की पत्तियों के एक क्विंटल की कीमत 8-10 हजार रुपए।
3. एक किलो पत्ती के पावडर कीकीमत करीब 400-450 रुपए।
4. एक किलो पत्ती 20 किलो शकर के बराबर मिठास देती है।
5. विशेषज्ञों के मुताबिक स्टीविया की पत्तियों में कैलोरी की मात्रा शून्य होती है।
मॉस्को से आई डिमांड
हमारे पास मास्को की एक कंपनी की ओर से 60 टन की डिमांड आई है, जिसे हमें जनवरी तक पूरा करना है। इसके लिए 25 एकड़ से अधिक में खेती की गई है। डिमांड को देखते हुए किसानों का समूह बना कर खेती की जा रही है, रकबा भी बढ़ा दिया गया है।
– अंबिका पटेल, किसान
स्टीविया की पत्तियों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए अब एक एकड़ में करीब 35 हजारसे अधिक पौधों की खेती की गई है।– डॉ. ज्ञानेन्द्र तिवारी,
प्रोफेसर, जेएनके विवि