
उत्तराखंड में मौसम ने तेजी से करवट बदली है। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। जिसके चलते उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा नाम की जगह पर एवलांच (हिमस्खलन) की चपेट में आने से कई लोग वहां फंस गए हैं। यहां ट्रेनिंग के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के ट्रेनी गए थे। इनमें से दो की मौत हो गई है। वहीं बाकी फंसे लोगों को निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। आठ लोगों को वहां से निकाल लिया गया है, 21 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
CM ने रक्षा मंत्री से मांगी मदद
CM पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट पर जानकारी दी कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में बात की है। उन्होंने लिखा कि रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने के लिए अनुरोध किया गया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और ट्वीट कर कहा कि, ‘द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।’
22 सितंबर से चल रहा था प्रशिक्षण
नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।
12 दिन में 3 बार एवलांच आया
इससे पहले 1 अक्टूबर को केदारनाथ मंदिर के करीब एवलांच हुआ था। वहीं, 23 सितंबर को मंदिर से करीब 5 किमी पीछे बने चौराबाड़ी ग्लेशियर में एवलांच आया था। दोनों ही एवलांच में नुकसान की कोई सूचना नहीं थी।