
इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर में क्राइम ब्रांच की टीम लगातार अवैध मादक पदार्थ के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। साथ ही शहर में स्टूडेंट्स को अवैध तरीके से प्रतिबंधित ई-सिगरेट (Electronic Cigarette) बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। आरोपियों द्वारा शहर के पब-क्लब में स्टूडेंट को फ्लेवर्ड केमिकल ई-सिगरेट अवैध तरीके से दी जा रही है।
बताया जा रहा है कि आरोपी द्वारा यह सभी सामान मुंबई से लाकर बेचा जा रहा, जिसकी सूचना मिलने पर इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने शहर में छापामार कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। टीम ने आरोपियों के पास से 533 नग ई-सिगरेट बरामद की है, जिसकी कीमत 5 लाख 30 हजार रुपए बताई जा रही है।
क्या है पूरा मामला ?
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध राजेश हिंगणकर ने बताया कि क्राइम ब्रांच को लगातार सूचना मिल रही थी कि शहर में कई जगह ई-सिगरेट धड़ल्ले से बेची जा रही है। यह शहर के छात्रों को बेची जा रही है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी वरुण नानक निवासी पार्श्वनाथ नगर, आकाश खेमचंदानी निवासी सिंधी कॉलोनी, लोकेंद्र राठौर निवासी मोती तबेला एवं नियम राठौर निवासी द्वारकापुरी के पास से प्रतिबंधित ई-सिगरेट व फ्लेवर्ड केमिकल की बड़ी खेप बरामद की है।
मुंबई से करते हैं सप्लाई
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह सामग्री वह मुंबई से लेकर आते हैं। वहीं जबकि, ये पूरा माल चीन से बनकर मुंबई तक आता है। वहीं से इन फ्लेवर्ड केमिकल युक्त सिगरेट को देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करते हैं। पुलिस को इंदौर में लंबे समय से इसकी सूचना मिल रही थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए पूरी खेप पकड़ी। वहीं आरोपियों के खिलाफ धारा 294,4/ 7 प्रोविजन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक्ट के तहत किया है।
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