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जमानत मिलते ही दूसरे केस में गिरफ्तार हुए इमरान : तोशाखाना मामले में कोर्ट ने दी जमानत… तो सीक्रेट लेटर चारी के मामले में हो गए अरेस्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए तोशाखाना मामले में रिहा करने का फैसला सुनाया। हालांकि, इससे पहले कि खान अटक जेल से बाहर आते, उन्हें सीक्रेट लेटर चोरी केस (साइफर गेट स्कैंडल) में हिरासत में ले लिया गया। इस मामले में अदालत ने जांच एजेंसियों फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की टीम  को 14 दिन की फिजिकल रिमांड दी है।

3 साल की सजा, 5 साल चुनाव लड़ने पर रोक

इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना केस में 3 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ चुनाव आयोग ने उन पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद निचली अदालत के फैसले को इमरान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि, ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था।

क्या है तोशखाना मामला

तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है। इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था। बाद में इमरान खान ने तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया। उनकी सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को कानूनी अनुमति दी थी।

पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग को बताया था कि, इन गिफ्ट्स को राज्य के खजाने से 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। हालांकि, बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी। वहीं पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।

अल-कादिर ट्रस्ट केस में हो चुके हैं गिरफ्तार?

इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट केस में गिरफ्तार किया जा चुका है। इमरान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के वारंट पर पैरामिलिट्री फोर्स ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें बेल मिल गई थी। गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में समर्थकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षाबलों के साथ झड़प में 8 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।

यह एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा मामला है। आरोप है कि इमरान ने बतौर प्रधानमंत्री इस यूनिवर्सिटी को गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपए की जमीन मुहैया कराई थी। इसका खुलासा पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्सियत मलिक रियाज ने किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इमरान और उनकी पत्नी ने उनकी गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपए की जमीन अपने नाम करा ली। बाद में रियाज और उनकी बेटी का ऑडियो भी लीक हुआ था। इसमें इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की ओर से पांच कैरेट के हीरे की अंगूठी मांगे जाने की बात सामने आई थी।

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