अंतर्राष्ट्रीयताजा खबर

मेक्सिको में गर्मी, पेड़ों से गिरकर दम तोड़ रहे बंदर

83 के शव बरामद, कुछ को जीवित बचाया गया

मेक्सिको सिटी। मेक्सिको भयानक गर्मी की चपेट में है। हालात इतने बुरे हैं कि हौलर प्रजाति के बंदरों की मौत होने लगी है। टबैस्को राज्य में कम से कम 83 बंदरों के शव बरामद किए गए हैं। ये हौलर बंदर अपनी दहाड़ भरी आवाज के लिए जाने जाते हैं। कुछ बंदरों को स्थानीय निवासियों ने बचाया। पांच को एक लोकल वेटरिनेरियन के पास ले जाया गया जहां किसी तरह उनकी जान बच सकी। उनका इलाज करने वाले डॉक्टर सर्जियो वालेंजुएला ने कहा, वे डिहाइड्रेशन और बुखार के साथ गंभीर स्थिति में पहुंचे थे। वे चिथड़ों की तरह ढीले हो गए थे। यह लू की वजह से हुआ। मेक्सिको में लू ने मार्च से अब तक कम से कम 26 लोगों की जान ली है। वेटरिनेरियन के मुताबिक, लू की वजह से दर्जनों हौलर बंदर मारे गए।

गर्मी, सूखा, जंगली आग मौत के लिए जिम्मेदार

रिपोर्ट के अनुसार, मृतक बंदरों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। आमतौर पर हौलर बंदर बड़े खूंखार होते हैं। उनका डीलडौल शानदार होता है और कुछ 3 फीट लंबे भी हो सकते हैं। नर बंदरों का वजन 30 पाउंड से ज्यादा होता है और वे 20 साल की उम्र तक जीते हैं। इन बंदरों का बड़ा जबड़ा होता है और दांत नुकीले होते हैं। हालांकि, हौलर बंदरों की पहचान शेर जैसी दहाड़ से होती है। वाइल्ड लाइफ बॉयोलॉजिस्ट गिल्बर्टो पॉजो ने कम से कम 83 मृत बंदरों की पहचान की है। उन्हें ये बंदर या तो मृत मिले या पेड़ों के नीचे जमीन पर अचेत अवस्था में। रिपोर्ट के मुताबिक, 5 मई से बंदरों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ जो पिछले वीकेंड अपने चरम पर पहुंच गया। पॉजो के मुताबिक, वे सेबों की तरह पेड़ से गिर रहे थे।

वे भयानक डिहाइड्रेशन के शिकार थे और मिनटों के भीतर दम तोड़ दिया। पॉजो ने कहा कि बंदर पहले ही कमजोर हो चुके थे, पेड़ से गिरने की वजह से उन्हें जानलेवा चोट पहुंची। उनके मुताबिक, बंदरों की मौत के पीछे बहुत ज्यादा गर्मी, सूखा और जंगली आग जिम्मेदार है। बंदरों को पानी, छाया और फल नहीं मिल पा रहे। मेक्सिको में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। 9 मई तक मेक्सिको के कम से कम नौ शहरों में रिकॉर्ड तापमान दर्ज हो चुका था। सीमावर्ती राज्य तमाउलिपास में स्यूदाद विक्टोरिया का तापमान 117 डिग्री फैरनहाइट (47.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया था। पूरे देश में सामान्य से कम बारिश के चलते झीलें और बांध सूख गए हैं। पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।

संबंधित खबरें...

Back to top button