
भोपाल। शहर की अयोध्या नगर थाना पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। ये पॉश कॉलोनियों के सूने मकानों को अपना निशाना बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों से भोपाल में चार जगह हुई चोरी की वारदात का पर्दाफाश हुआ है। ये दोनों भोपाल समेत देश के कई बड़े शहरों में चोरी की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। फिलहाल, पुलिस इनसे सख्ती से पूछताछ कर रही है। अफसरों को उम्मीद है कि इनसे और भी कई अपराधों का खुलासा हो सकता है।
कई राज्यों में की वारदात
इन दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस को जो प्रारंभिक जानकारी हाथ लगी है, उसके मुताबिक इन्होंने तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में सेंधमारी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इन चोरों के निशाने पर बड़े शहरों की पॉश कॉलोनियां होती थीं। ये दोनों पॉश कॉलोनियों में दिन के समय सूने मकानों की रैकी कर लेते थे। इसके बाद देर रात जाकर वहां चोरी की वारदात करते थे।
हजारों का सामान बरामद, माल खरीदने वाले की तलाश
गिरफ्तार किए गए इन शातिरों के नाम रामनिवास बागड़ी और दुर्गालाल प्रधान हैं। यह दोनों मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। इन दोनों पर राजस्थान और एमपी के अलावा अन्य राज्यों में भी चोरी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को फिलहाल इन दोनों अपराधियों के पास से चांदी के दो ब्रेसलेट, चार जोड़ी चांदी की बिछिया समेत बीस हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं।
भोपाल में प्लानिंग से पहले ही धरे गए बदमाश
पुलिस को सूचना मिली थी कि ये दोनों चोर बड़ी वारदात को अंजाम देने के मकसद से भोपाल आए हैं। इन्होंने भोपाल रेलवे स्टेशन पर आने से पहले एक ऑटो ड्राइवर को शहर की किसी पॉश कॉलोनी में ले जाने को कहा था। ड्राइवर ने इन्हें राजधानी की मिनाल रेसिडेंसी में छोड़ दिया था। इसके बाद जब ड्राइवर को शक हुआ तो उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर दोनों को हिरासत में ले लिया। रामनिवास और दुर्गा लाला ने अयोध्या बायपास स्थित मिनाल रेसिडेंसी में 6 सूने मकानों में चोरी की प्लानिंग की थी।
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पुलिस की मुस्तैदी से घटना को अंजाम देने से पहले ही दोनों को पकड़ लिया गया। इन चोरों ने इससे पहले अमेरिका में रह रहे भोपाल के एक बिजनेसमैन के घर सहित मिनाल रेसिडेंसी के तीन लोगों के ताले तोड़कर वहां से जेवर और नकदी चुराई थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों आरोपी जिस भी शहर में जाते, वहां के रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म और ओवरब्रिज के नीचे ही रुकने का ठिकाना बना लेते थे। भोपाल पुलिस को ये भी जानकारी लगी है कि अन्य राज्यों की पुलिस भी इन शातिरों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब तक ये गिरफ्तारी से बचते चले आ रहे थे।