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स्पेन में कर्मचारियों के काम के घंटे घटाने का फैसला, हर हफ्ते 40 की बजाय 37.5 घंटे करना होगा काम, जीवनस्तर सुधारना प्राथमिकता

मैड्रिड। स्पेन सरकार ने अपने कर्मचारियों के हफ्ते में काम के घंटे कम करने का फैसला किया है। मंगलवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में लेबर मिनिस्टर योलांडा डियाज ने इस प्रस्ताव को पेश किया, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इसे संसद में पारित कराने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रस्ताव के तहत हर हफ्ते काम के घंटों को 40 से घटाकर 37.5 घंटे कर दिया जाएगा। हालांकि, इसे लागू करने से पहले संसद की मंजूरी जरूरी होगी।

नौकरी देने वाली कंपनियों का विरोध

स्पेन की एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन यानी नौकरी देने वाली कंपनियों के संगठन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। वे मानते हैं कि इससे कंपनियों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा और उत्पादन पर असर पड़ेगा। हालांकि, इन आपत्तियों के बावजूद लेबर मिनिस्टर योलांडा डियाज ने इसे पेश किया और कैबिनेट की मंजूरी हासिल कर ली।

कर्मचारियों की उत्पादकता और जीवन स्तर सुधारना प्रस्ताव का मकसद

कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में लेबर मिनिस्टर योलांडा डियाज ने कहा कि इस विधेयक का मकसद कर्मचारियों के काम के घंटे कम करके उनकी उत्पादकता बढ़ाना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। डियाज ने कहा, “कम घंटों में काम करने से कर्मचारियों को अधिक आराम मिलेगा, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। यह फैसला वर्क-लाइफ बैलेंस को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

संसद में विधेयक को पास कराना होगी बड़ी चुनौती

यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा, लेकिन इसे पारित कराना आसान नहीं होगा। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की गठबंधन सरकार के पास संसद में स्पष्ट बहुमत नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार को इस विधेयक को पास कराने के लिए छोटी पार्टियों का समर्थन लेना होगा, लेकिन वे इसे लेकर अलग-अलग शर्तें रख रही हैं।

सांचेज के सामने इन पार्टियों के बीच संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। अगर सहमति नहीं बनी, तो इस विधेयक के पारित होने में कठिनाई हो सकती है।

पिछले साल स्पेन में हुए थे प्रदर्शन

काम के घंटे घटाने की मांग पिछले साल सितंबर से तेज हो गई थी। उस समय स्पेन की प्रमुख यूनियनों, कंपनियों और सरकार के बीच इसे लेकर चर्चाएं चल रही थीं। कई संगठनों और कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर काम के घंटे कम करने की मांग की थी। इसके बाद पीएम सांचेज ने कंपनियों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी थीं।

यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी उठाया था मुद्दा

यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने भी स्पेन की प्रोडक्टिविटी में सुधार की जरूरत बताई थी। ECB की रिपोर्ट में कहा गया था कि स्पेन को अपने प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ प्रोडक्टिविटी गैप को कम करने के लिए सुधार करने होंगे।

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