
इंदौर। शायद ही 5 जनवरी 2018 में हुए DPS (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बस हादसे को इंदौर सहित पूरा प्रदेश नहीं भुला पाएगा। इस बस हादसे में 5 बच्चों सहित 6 लोगों की मौत हुई थी। वहीं कई गंभीर घायल हुए थे, जिनका इलाज महीनों तक जारी रहा। मामले में इंदौर हाई कोर्ट में कई जनहित याचिका दायर की गई थी। इन सभी मामले में सुनवाई चल रही है। वहीं मामले में बुधवार (8 फरवरी) को अंतिम बहस होना है। जनहित याचिका में मुख्य मुद्दा यह था कि आखिर इस हादसे में मृतकों की जान की जिम्मेदारी किसकी है।
बस हादसे की जांच में यह बात सामने आई थी कि जिस समय यह हादसा हुआ था उस समय बस 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। बस में सुरक्षा साधनों की कमी थी इसमें कई मासूम अपनी जान से हाथ धो बैठे थे।
यह है पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि 5 जनवरी, 2018 कनाडिया बायपास पर बिचोली हप्सी के समीप ब्रिज पर शुक्रवार दोपहर 3:45 पर दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) की बस MP 09 FA 2029 का स्टेरिंग फेल हो गया। बस डिवाइडर को लांघते हुए दूसरी लेन में जाकर सामने सारे ट्रक में भिड़ गई। भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि बस के परखच्चे उड़ गए और भिड़ंत के बाद बस की दिशा बदल गई। दुर्घटना में 4 बच्चे व ड्राइवर की मौत हुई थी। जबकि, 4 बच्चे वेंटिलेटर पर थे। बस में कुल 15 लोग सवार थे, जिसमें से 13 बच्चे थे। पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हादसे में ड्राइवर राहुल सिसोदिया छात्र स्वस्तिक श्रुति हरमीत सहित मौतें हुई थी।
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