
भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में पुलिस ऑफिसर की सूझबूझ से एक व्यक्ति की जान बच गई। यहां छोला मंदिर स्थित दशहरा मैदान में रावण दहन देख रहे युवक को अटैक आ गया था। वो बेसुध होकर जमीन पर गिर गया था। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात एसीपी अजय तिवारी ने बिना देर किए उसे सीपीआर दिया। समय पर मदद मिलने से उसकी जान बच गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, राजधानी भोपाल के छोला दशहरा मैदान में दशहरा के मौके पर रावण दहन का आयोजन किया गया था। जिसे देखने के लिए शहरवासियों की भीड़ उमड़ी हुई थी। इसी दौरान एक शख्स को अचानक सीने में दर्द होने लगा और वो गिर गया, जिससे आसपास खड़े लोग घबरा गए। उन्होंने युवक को उठाने का प्रयास किया, तभी ड्यूटी पर तैनात एसीपी अजय तिवारी वहां पहुंचे।
युवक के गिरते ही परिजनों ने बताया वह हार्ट पेशेंट है। इतना सुनते ही एसीपी ने सीपीआर देना शुरू कर दिया। करीब 10 मिनट तक दिए गए सीपीआर के बाद धीरे-धीरे युवक ने आंखें खोलीं। पानी पिलाने के बाद युवक पूरी तरह होश में आया। पुलिस की सलाह पर परिजन उसे तत्काल अस्पताल लेकर रवाना हो गए। पास खड़े युवक ने इस घटनाक्रम का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल हो रहा है।
क्या होता है सीपीआर
कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रिया है। इसका उपयोग आमतौर पर हार्ट अटैक, व्यक्ति के डूबने सहित अन्य आपात स्थिति में किया जाता है। सीपीआर का मुख्य उद्देश्य शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखना है। इसके लिए छाती पर दबाव दिया जाता है, ताकि हृदय में रक्त प्रवाह शुरू हो सके। श्वांस मार्ग को साफ किया जाता है, ताकि हवा का प्रवाह ठीक से हो सके। व्यक्ति को मुंह से या किसी उपकरण के माध्यम से सांस दी जाती है।
CPR देने की सही प्रक्रिया
सीपीआर (CPR) एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है, जिसे प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा ही किया जाना चाहिए। सीपीआर कंप्रेशन करने के लिए सबसे पहले रोगी को उसकी पीठ के बल किसी सख्त सतह पर लिटा देना चाहिए। फिर अपने हाथ की निचली हथेली को व्यक्ति की छाती के केंद्र पर निप्पल के बीच रखें। अपना दूसरा हाथ पहले हाथ के ऊपर रखें। अपनी कोहनियों को सीधा रखें और कंधों को सीधे अपने हाथों के ऊपर रखें। छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) लेकिन 2.4 इंच (6 सेंटीमीटर) से अधिक नहीं दबाएं। कंप्रेशन करते समय अपने पूरे शरीर के वजन (सिर्फ अपनी बाहों का नहीं) का इस्तेमाल करें। एक मिनट में 100 से 120 कंप्रेशन की दर से जोर से पुश करें। (स्रोत: मेयोक्लिनिक)।
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