न्यूयॉर्क। शनिवार की शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंब्ली (UNGA) को संबोधित किया। यहां उन्होंने आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान और समुद्र में दादागीरी के लिए चीन को निशाने पर लिया। उन्होंने दुनिया को आगाह भी किया कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो।
पाकिस्तान पर क्या कहा-
राजनीतिक एजेंडे के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल (पाकिस्तान) पर मोदी ने कहा कि यह उसके लिए भी उतना ही खतरनाक है। उन्होंने कहा- जो देश आतंकवाद का राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा, यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। दुनिया के सामने चरमपंथ और रूढ़ीवादी विचारधारा का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना होगा।
अफगानिस्तान पर बोले –
”यह सुनिश्चि करना जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो।” उन्होंने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, “हमें इस बात के लिए सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश टूल की तरह इस्तेमाल ना करे।” अफगान नागरिकों की मदद के लिए हमें अपना रोल निभाना होगा।
चीन की दादागीरी पर कहा-
”हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं। इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि समुद्रीय संसाधनों को हम यूज करें, एब्यूज नहीं।” उन्होंने कहा कि समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें विस्तार और बहिष्कार की दौड़ से बचाकर रखना होगा।
संयुक्त राष्ट्र सुधार पर बोले
चाणक्य ने सदियों पहले कहा था, जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता तो समय ही उस कार्य की सफलता को नाकाम कर देता है। संयुक्त राष्ट्र को खुद में सुधार करना होगा। कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने कोविड और आतंकवाद और अफगान संकट में गहरा कर दिया है।
भारतीय लोकतंत्र की ताकत पर –
ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है। मैं उस देश से आता हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहते हैं।