
शैलेन्द्र वर्मा-इंदौर। दुनिया के कई क्षेत्रों में एआई तकनीक ने काम को आसान बना दिया है, लेकिन कई मामलों में लोगों की परेशानियां भी बढ़ा दी हैं। जिसके चलते एआई के फायदे व नुकसान के बारे में जागरूता की जरूरत है, जो बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ देना आवश्यक है। इंदौर जिले की ग्राम पंचायतों में यूनिसेफ के सहयोग से बाल हितैषी ग्राम सभाएं स्कूलों में हो रही हैं, जिसमें 9 विषयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर क्राइम को शामिल कर 5000 हजार से अधिक बच्चों को जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। एआई का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसका उपयोग ठगी के लिए भी हो रहा है।
बच्चों को साइबर क्राइम की भी दी जा रही जानकारी
माध्यमिक से हायर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित फायदे व नुकसान के साथ साइबर क्राइम की जानकारी दी जा रही है। जिले में कुल 334 पंचायतें हैं, जहां तीन चरणों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शासन का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को नवीन तकनीक के लाभ और नुकसान से परिचित कराना है।
एआई के फायदे
- सभी क्षेत्रों में काम को आसान बनाना।
- डेटा सर्च और उपलब्धता को आसान बनाना।
- सेंसर युक्त संसाधनों को उन्नत बनाना।
- शिक्षा, मीडिया, मनोरंजन के क्षेत्र में उपयोगकर्ता की पसंद उसके पहले समझ लेना।
- रास्ते खोजने में एआई द्वारा सहायता देना।
एआई से बच्चों ने ये सीखा
- एआई फोटो मॉर्फिंग फ्रॉड
- एआई वाइस चैंजर कॉल फ्रॉड
- असेफ स्क्रॉलिंग, प्रतिबंधित साइटें
- एआई कंटेंट जांच
- सुरक्षा को खतरा
- बेरोजगारी
बढ़ाई जा रही जागरूकता
वर्तमान में ठगी के लिए एआई का उपयोग हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चों को बताया जा रहा है कि आवाज, फोटो, वीडियो बनाकर भड़काया जा सकता है। -दीक्षा जोशी, शिक्षिका ग्राम धरावरा
सप्ताह में एक दिन बाल हितैषी सभा का आयोजन होता है। हमारे शिक्षक हमें बताते हैं कि एआई से बनाए फोटो कैसे हो सकते है। -मोहित मालवीय, छात्र