नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान को और मजबूती से सबक सिखाने के लिए भारत अपनी मिसाइल क्षमता को लगातार बेहतर बनाने में लगा हुआ है। इसी बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने गुरुवार को ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल (BrahMos Missile) की एक्सटेंडेड रेंज का सफल परीक्षण किया है। बंगाल की खाड़ी में एसयू-30 एमकेआई (Su-30 MKI) विमान से लक्ष्य पर सटीक हमला करते हुए मिसाइल ने मिशन उद्देश्यों को हासिल किया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने टारगेट शिप को ध्वस्त कर दिया। इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है।
दुश्मन के इलाके में ‘जलजला’ लाएगी भारत की ब्रह्मोस
ब्रह्मोस Su-30 MKI विमान से बहुत लंबी दूरी के टारगेट को तहस-नहस कर सकता है। भारतीय वायुसेना ने भविष्य की लड़ाइयों को ध्यान में रखकर इसका टेस्ट किया है। इस सफल परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ इंडियन नेवी, डीआरडीओ, बीएपीएल और एचएएल की भी बड़ी भूमिका है। मिसाइल की दूरी बढ़ने से ब्रह्मोस दुश्मन के इलाके में जलजला लाएगी।
The IAF successfully fired the Extended Range Version of the Brahmos Air Launched missile. Carrying out a precision strike against a Ship target from a Su-30 MKI aircraft in the Bay of Bengal region, the missile achieved the desired mission objectives. pic.twitter.com/fiLX48ilhv
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 29, 2022
ब्रह्मोस नाम कैसे पड़ा ?
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी इंटरप्राइज NPOM के बीच साझा समझौते के तहत ब्रह्मोस को विकसित किया गया है। बता दें कि ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट या फिर धरती से लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज है।
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