
भारत को अपना अंतिम यानी 36वां राफेल लड़ाकू विमान उस समय मिला है, जब सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ खींचातानी चल रही है। भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि फ्रांस से खरीदे गए 36 राफेल विमानों में से अंतिम विमान भी भारतीय सरजमीं पर उतर गया है। इसके साथ ही खेप पूरी हो गई है।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर दी ये जानकारी
भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा- फीट ड्रॉय, पैक पूरा! 36 राफेल विमानों में से आखिरी विमान UAE वायु सेना के टैंकर के जरिए एक तेज गति मार्ग से भारत में उतरा।’ देश की सुरक्षा के लिए गेमचेंजर माने जा रहे राफेल विमानों की सबसे पहली खेप में पांच विमान अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर जुलाई 2020 में उतरे थे।
FEET DRY!
'The Pack is Complete'
The last of the 36 IAF Rafales landed in India after a quick enroute sip from a UAE Air Force tanker.
Shukran jazeelan. @modgovae pic.twitter.com/5rkMikXQeS
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 15, 2022
2016 में हुई थी फ्रांस से डील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत द्वारा 2016 में फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपए की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। राफेल फाइटर जेट की पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी।
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कई खूबियों से लैस है राफेल विमान
राफेल विमान एक नहीं बल्कि कई सारी खूबियों से लैस है। यही वजह है कि इसको दुनिया के ताकतवर फाइटर जेट में शामिल किया जाता है। भारतीय वायु सेना का राफेल करीब 60 हजार फीट प्रति मिनट की दर से ऊंचाई चढ़ सकता है। ये विमान 1800 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में सक्षम है। राफेल का कुल वजन 10 टन है। यदि ये मिसाइल के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो सकता है। राफेल विमान अपने साथ कई मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है।
राफेल विमान स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है। इसका अर्थ है कि यह दुश्मन के राडार को चकमा देने में सक्षम है। राफेल विमान हिमालय के ऊपर बेहद सर्द मौसम में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इस तरह की काबलियत हर लड़ाकू विमान में नहीं होती है। राफेल विमान में सबसे खतरनाक मिसाइल लगी है, जो हवा से हवा में अचूक मार कर सकती है।