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Jharkhand: युवक ने युवती पर डाला पेट्रोल… लगाई आग, मौत के बाद दुमका में तनाव; आरोपी को फांसी देने की मांग

झारखंड के दुमका जिले में एक तरफा प्यार में जिंदा जलाई गई 12वीं क्लास की छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। सोमवार को कड़ी में उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई और अंतिम संस्कार किया गया। मौत की खबर के बाद से ही तनाव की स्थिति बन गई है। वहीं पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी को फांसी देने की उठ रही मांग

इस घटना से गुस्साए लोगों ने सड़कों पर उतरकर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने दुमका-भागलपुर रोड को घंटों जाम रखा। इस विरोध प्रदर्शन में VHP, बजरंग दल, भाजपा के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। लोगों ने बाजार भी बंद कराया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है।

क्या है पूरा मामला

जनाकारी के मुताबिक, 23 अगस्त को जरुवाडीह मोहल्ले में अंकिता दुमका अपने घर में सोई हुई थी। तभी लगभग पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिड़की से पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। परिजन उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। प्राथमिक इलाज के बाद रिम्स रेफर कर दिया था।

पुलिस कस्टडी में हंसता दिखा आरोपी

बताया जा रहा है कि, जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया उस समय भी वो हंसता हुआ दिखाई दे रहा था। उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसकी बॉडी लैंग्वेज से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि उसे किसी तरह का अफसोस है।

दोस्ती न करने पर दिया घटना को अंजाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख अंकिता को काफी समय से परेशान कर रहा था। जिसके बारे में अंकिता (17 वर्षीय) ने अपने पिता को भी बताया, लेकिन समाज में बदनामी के डर से उन्होंने आगे कदम नहीं उठाया। शाहरुख के ज्यादा परेशान करने पर पुलिस में शिकायत की गई, लेकिन उसके बड़े भाई ने माफी मांग कहा कि वो अब ऐसा नहीं करेगा। कुछ दिन बाद उसने फिर परेशान करना शुरू कर दिया।

लड़कियों को परेशान करता है शाहरुख

रिम्स में इलाज के दौरान अंकिता ने बताया था कि, ‘मैं सिर्फ यही देख पाई कि ब्लू टीशर्ट पहने, हाथ में पेट्रोल की कैन लिए शाहरुख भाग रहा था। ये वही शाहरुख था जो पिछले 10-15 दिनों से मुझे ज्यादा परेशान करने लगा था। मोहल्ले में उसे आवारा किस्म के लड़के के रूप में सब जानते थे। उसका काम सिर्फ लड़कियों को परेशान करना और उन्हें अपने झांसे में लेकर इधर-उधर घुमाना था।

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दोस्ती करने का बना रहा था दबाव

अंकिता ने मौत से पहले अपने बयान में कहा कि, आरोपी पिछले 10-15 दिन से उसका पीछा कर रहा था। स्कूल या ट्यूशन जाते समय उसका पीछा करता था। हालांकि, उसने कभी उसकी हरकतों को सीरियसली नहीं लिया, लेकिन आरोपी को कहीं से उसका मोबाइल नम्बर मिल गया। जिसके बाद अक्सर वो अंकिता को फोन करके दोस्ती करने का दबाव बनाता था।

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