
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अगले मिशन की तैयारियों में जुट गया है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि भारत अगले साल चांद पर महिला रोबोट व्योममित्र को भेजेगा। इस मिशन की सफलता के बाद इसरो अंतरिक्षयात्रियों को भेज सकेगा। दरअसल, अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने का ट्रायल करने के लिए इसरो गगनयान मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में है। इसे अगले डेढ़ महीने में लॉन्च किया जा सकता है। इस मिशन में मानवरहित विमान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके जरिए इसरो अपने सिस्टम और तैयारियों को परखेगा।
अगले साल इस मिशन के दूसरे पड़ाव में व्योममित्र रोबोट को भेजा जाएगा। इसकी मदद से इंसानों के जाने का रास्ता साफ होगा। इसरो ने मिशन गगनयान के लिए 24 जनवरी, 2020 को यह रोबोट पेश किया था। इसे बनाया ही इसलिए गया था, ताकि इंसानों को भेजने से पहले अंतरिक्ष में इसे भेजा जाए। इसके जरिए अंतरिक्ष में इंसानों पर पड़ने वाले असर को समझा जा जाएगा। इसे काम करने के तरीके को सराहा गया और इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का खिताब दिया गया है। इसे बेंगलुरू में रखा गया है।
मिशन के लिए पायलटों को किया जा रहा तैयार
यह मिशन बहुत खास है, क्योंकि इसमें गलती की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा सकती। इस मिशन में भारतीय वासुसेना के काबिल पायलटों को भेजने की तैयारी है। यही वजह है कि इसके लिए तैयारियों में एक-एक बात का ध्यान रखा जा रहा है।
इंसानों की तरह अंतरिक्ष में काम करेगी महिला रोबोट
महिला रोबोट व्योममित्र इंसानों यानी अंतरिक्ष यात्रियों की तरह काम करेगी। यह गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी। इसके साथ ही यह ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से सम्पर्क करके बात करेगी। इस मानवरहित मिशन के परिणाम ही इंसानों के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खोलेंगे। गगनयान के तीसरे पड़ाव की लॉन्चिंग में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
सात नहीं, तीन दिन धरती के चक्कर काटेंगे अंतरिक्षयात्री
इसरो की योजना थी कि गगनयान के जरिए भारतीय अंतरिक्षयात्री 7 दिन तक धरती के चक्कर काटेंगे, लेकिन बाद में योजना में बदलाव हुआ। कहा गया गया कि एस्ट्रोनॉट 7 दिन की जगह 1 या 3 धरती का चक्कर काटेंगे। गगनयान का क्रू मॉडल इस मिशन में धरती से 400 किमी की ऊंचाई पर मौजूद लोअर अर्थ आॅर्बिट में चक्कर काटेगा। भारत की गगनयान में शामिल एस्ट्रोनॉट्स को गगननॉट्स नाम दिया गया है।
इधर, रोवर ने चंद्रमा पर 8 मीटर की दूरी तय की
इसरो के चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर घूम रहा है। इसरो ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। रोवर पेलोड एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड नॉमिनली प्रदर्शन कर रहे हैं।