
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना से झड़प के बाद से अरुणाचल बॉर्डर पर भारतीय लड़ाकू विमान लगातार गश्त कर रहे हैं। इस दौरान कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें चीन द्वारा तिब्बत के प्रमुख एयरबेसों पर बड़ी संख्या में ड्रोन और फाइटर जेट तैनात दिख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक MAXAR से ये तस्वीरें मिली हैं।
10 घंटे तक बिना रुके उड़ सकता है सोरिंग ड्रोन
अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 150 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित चीन के बांगदा एयरबेस से मिली तस्वीर में अत्याधुनिक डब्ल्यूज़ेड-7 ‘सोरिंग ड्रेगन’ ड्रोन दिखाई देता है। 2021 में पहली बार लॉन्च किए गए ‘सोरिंग ड्रेगन’ 10 घंटे तक बिना रुके उड़ सकते हैं। इन्हें जासूसी, निगरानी और सर्वेक्षण के कामों के लिए बनाया गया। यह डेटा ट्रांसमिट भी कर सकता है, ताकि क्रूज मिसाइलें जमीनी टारगेट भेद सकें। चीन के बांगदा एयरबेस से मिली तस्वीर में अत्याधुनिक WZ-7 ‘सोरिंग ड्रेगन’ ड्रोन ऑपरेशन के लिए तैयार दिखता है। भारत इस तरह के किसी ड्रोन को ऑपरेट नहीं करता है।
9 दिसंबर को हुई थी तवांग में झड़प
9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पार करने की कोशिश की थी। करीब 300 चीनी सैनिक भारतीय सीमा की तरफ आ रहे थे, जिन्हें हमारे जवानों ने पीट-पीटकर खदेड़ दिया था। इस झड़प में चीन के 30 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। इस झड़प का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें भारतीय जवान चीनी सैनिकों को पीटते नजर आ रहे थे।
जवानों की आलोचना ठीक नहीं : जयशंकर
चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा- देश की सीमाओं की चौकसी में लगे जवानों की आलोचना गलत है। जयशंकर ने लोकसभा में ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2019′ पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के चीन का मुद्दा उठाने पर राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा – ‘हमें किसी भी हालात में अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल ठीक नहीं है। हमारे जवानों का सम्मान होना चाहिए और उनके लिए पिटाई जैसे अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। हमारे जवान 14 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर देश की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। जयशंकर ने कहा- अगर चीन के प्रति हमारा रुख उदासीन था तो सेना को सीमा पर किसने भेजा।