
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू विकराल रूप धारण करता जा रहा है। आज फिर 68 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका उसलापुर दीप सागर की रहने वाली थी। बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 अन्य जिलों के मरीज शामिल हैं। आज 9 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक स्वाइन फ्लू के कुल 155 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 43 एक्टिव हैं। 101 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं।
बिलासपुर कलेक्टर ने दी जानकारी
इस मामले में यूनीवार्ता से बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि जो भी मौते हो रही है वो सिर्फ बिलासपुर की नहीं है। हमने सिम्स अपोलो में आइसोलेशन वार्ड बना दिया है और पूरे बिलासपुर संभाग और अन्य आसपास के जिलों के मरीज यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। ज्यादातर उम्रदराज लोगों को इम्युनिटी पावर कम होने के कारण दिक्कत होती है। जिनकी इम्युनिटी ज्यादा है उनकी रिकवरी जल्दी हो रही है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण सामान्य सर्दी से शुरू होते हैं। एक-दो दिन बाद सर्दी, खांसी, कफ, सिरदर्द और हाथ-पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। बुखार के साथ स्थिति तेजी से बदलती है। खांसी इतनी तेज होती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है या उसके करीब जाता है तो यह सांस के माध्यम से दूसरों को संक्रमित करता है। कोरोना की तरह स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भी सावधानी बरतनी जरूरी है। संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से पहले मास्क पहनना अनिवार्य है।
कैसे फैलता है वायरस ?
यह एक अत्यधिक घातक संक्रामक रोग है, जो अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरस के जरिए फैलता है। इससे प्रभावित सुअरों को बुखार, दस्त, उल्टी, कान और पेट में लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। बहुत ज्यादा संक्रामक होने की वजह से संपर्क में आने वाले दूसरे सूअर बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। बुखार के साथ एनोरेक्सिया, भूख ना लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त शामिल होते हैं।
ऐसे किया जाता है कंट्रोल
अफ्रीकन स्वाइन फ्लू वायरस को कंट्रोल करने के लिए एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सूअरों को मार दिया जाता है। ताकि बीमारी से दूसरे सूअर को संक्रमित होने से बचाया जा सके।