
पुणे। पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर शनिवार को पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें एडिशनल सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी थी। मनोरमा को पिछले महीने पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक स्थानीय किसान को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में पौड पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।
मनोरमा को लॉज से किया था गिरफ्तार
मनोरमा खेडकर को जमीन विवाद में धमकाने के आरोप में 18 जुलाई को रायगढ़ जिले के महाड के पास हिरकनिवाड़ी गांव के एक लॉज से पकड़ा गया था। पिछले साल पुणे की मुलशी तहसील के धडवाली गांव में एक भूमि विवाद को लेकर मनोरमा द्वारा कुछ लोगों को कथित तौर पर बंदूक का भय दिखाकर धमकाने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने उनकी और उनके पति दिलीप खेडकर की तलाश शुरू कर दी थी।
पुणे देहात की पौड पुलिस ने खेडकर दंपति और पांच अन्य पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 144 (घातक हथियारों से लैस गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा) और 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इससे पहले, शनिवार को पुलिस ने अदालत को सूचित किया था कि उसने अपराध में इस्तेमाल एक पिस्तौल और एक कार बरामद कर ली है।
पिस्तौल लहराते वीडियो हुआ था वायरल
दरअसल, मनोरमा खेडकर की गिरफ्तारी हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के कारण हुई। जिसमें वह पुणे जिले के मुलशी गांव में जमीन विवाद को लेकर स्थानीय किसानों से झगड़ा करते हुए पिस्तौल लहराते हुए दिखाई दे रही हैं। पुणे पुलिस ने खेडकर दंपती के खिलाफ अवैध हथियार रखने के मामले में आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था।
देखें VIDEO – https://x.com/psamachar1/status/1813829411113931079
पूजा खेडकर पर UPSC का बड़ा एक्शन
पूजा खेडकर पर बुधवार (31 जुलाई) को UPSC ने बड़ा एक्शन लिया है। सिविल सेवा में चयन के लिए पहचान बदलने और विकलांगता प्रमाणपत्र में गड़बड़ी की आरोपी पूजा खेडकर अब ट्रेनी आईएएस नहीं हैं। यूपीएससी ने पूजा खेडकर को भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने या चयन करने से रोक दिया है। साथ ही CSE-2022 की उनकी उम्मीदवारी को भी आयोग ने रद्द कर दिया है।
यूपीएससी ने अपनी पहचान बदलकर सिविल सेवा परीक्षा में तय सीमा से अधिक बार बैठने के आरोप में 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया : UPSC
यूपीएससी ने कहा कि सभी रिकॉर्ड की जांच के बाद यह सामने आया कि पूजा खेडकर ने सीएसई-2022 नियमों का उल्लंघन किया है। आयोग ने सीएसई के पिछले 15 सालों के डाटा को रिव्यू किया, जिसमें 15 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल थे।
ऑडी कार जब्त, 26 हजार का चालान बकाया
पुणे पुलिस ने रविवार (14 जुलाई) को पूजा की ऑडी कार जब्त कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थी, उस पर 21 चालान पेंडिंग हैं। 2022 से अब तक तेज गति से गाड़ी चलाने, सिग्नल तोड़ने और पुलिस के पूछने पर रुकने से इनकार करने जैसे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने को लेकर 26 हजार का जुर्माना बकाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑडी कार एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।
पुणे RTO ने गुरुवार (11 जुलाई) को इस ऑडी (MH-12/AR-7000 नंबर वाली) के मालिक, इंजीनियरिंग कंपनी को नोटिस जारी किया था। जिसमें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए गाड़ी पेश करने के लिए कहा गया था।
पूजा पर लगे हैं कई आरोप
ट्रेनी IAS अफसर पूजा एक के बाद एक विवाद में फंसती नजर आ रही हैं। पहले डीएम कार्यालय में उनकी VIP डिमांड की बात सामने आई, फिर उन पर विकलांगता का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर IAS बनने का आरोप लगा। इसके अलावा उनपर मेडिकल टेस्ट में न शामिल होने के भी आरोप हैं।
पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं। इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं। उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे।
क्या है पूरा मामला
- ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 841वीं रैंक हासिल की थी। पुणे में वे सरकारी दफ्तर में खुद की ऑडी कार लेकर आती थीं। उनकी लग्जरी कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड, सरकारी प्लेट और लाल बत्ती लगी थी।
- पूजा ने पहले पुणे में प्रोबेशनरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर जॉइनिंग की थी। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर को वॉट्सएप मैसेज कर अपने लिए अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवास और कॉन्स्टेबल की मांग की थी। उनकी वीआईपी डिमांड को लेकर कलेक्टर सुहास दिवसे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और फिर उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।
- पूजा खेडकर के सीनियर मुंबई गए तो पूजा ने सीनियर के चेंबर पर कब्जा कर लिया। वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया, साथ ही सीनियर्स के चैंबर का सामान बाहर निकालकर रख दिया।
- इस व्यवहार के संबंध में पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया था कि, 18 से 20 जून 2024 की अवधि में जब अपर कलेक्टर मंत्रालय में आए तो पूजा खेडकर ने अपर कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां सोफा, टेबल, सहित सभी सामग्री बाहर निकाल ली। इसके बाद राजस्व सहायक को बुलाकर उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
मेडिकल जांच कराने से किया इनकार
पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है। इसी आधार पर पूजा को विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं। अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके प्राप्त अंकों को देखते हुए उनका आईएएस बनना असंभव था। पूजा ने खुद को पिछड़ा वर्ग (OBC) का बताया था। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
- आईएएस का पद मिलने के बाद यूपीएससी पूजा खेडकर की मेडिकल जांच कराने का फैसला किया। लेकिन उन्होंने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार किया।
- पहली बार : 22 अप्रैल 2022 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच कराई जानी थी, लेकिन उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का कारण बताते हुए जाने से मना कर दिया।
- दूसरी बार : 26 मई 2022 को एम्स अस्पताल बुलाए जाने के बावजूद वे जांच के लिए नहीं गईं।
- तीसरी बार : 27 मई 2022 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद पूजा जांच के लिए नहीं गईं।
- चौथी बार : 1 जुलाई को पूजा को फिर एम्स बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गईं।
- पांचवी बार : 26 अगस्त 2022 को पूजा खेडकर एम्स अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए तैयार हुईं। एमआरआई जांच के लिए उन्हें 2 सितंबर को उपस्थित होने के लिए कहा गया। उनकी जांच न्यूरो-ऑप्थमोलॉजिस्ट की मौजूदगी में होनी थी, जिसमें उनकी दोनों आंखों की रोशनी जाने का कारण पता लगाया जाना था।
- एम्स के ड्यूटी ऑफिसर ने कई बार बुलाया, लेकिन पूजा एमआरआई कराने नहीं गईं।
- छठी बार : 25 नवंबर 2022 को दोबारा पूछने पर पूजा ने जांच के लिए इनकार कर दिया। वह एमआरआई सेंटर से रिपोर्ट लेकर आईं और यूपीएससी को सौंप दी। यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताई और पूजा खेडकर के चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट में चुनौती दी।
- 23 फरवरी 2023 को कैट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। लेकिन उसके बाद अज्ञात कारण के चलते पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत एमआरआई प्रमाण पत्र को स्वीकार कर लिया गया। इसके साथ ही उनकी नियुक्ति को वैध कर दिया गया।
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