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जंग का 44वां दिन: रूस ने माना जंग में सेना को हुआ बहुत नुकसान, यूक्रेन में नागरिकों की हत्या को लेकर जर्मनी ने किया बड़ा खुलासा!

रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का आज 44वां दिन है। इस बीच यू्क्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि बोरोड्यांका शहर के हालात बहुत खराब हैं। यहां बूचा से बुरी स्थिति है। वहीं अब रूस ने पहली बार इस युद्ध में हुए अपने भारी सैन्य नुकसान को स्वीकारा है। यूक्रेन के रक्षा विभाग ने 18 हजार रूसी सैनिकों को मारने की बात कही है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले- बोरोड्यांका शहर की स्थिति बूचा से काफी अधिक भयानक

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया है कि यूक्रेन के बोरोड्यांका शहर की स्थिति बूचा से भी भयानक है। बूचा में 300 से ज्यादा लोगों को रूसी फोर्स द्वारा मारे जाने के दावे किये जा रहे हैं।

रूस ने मानी सैन्य नुकसान की बात

यूक्रेन से छिड़ी जंग के बीच पहली बार रूस ने माना है कि, उसे काफी सैन्य नुकसान हुआ है। रूस ने इस जंग को सबसे निराशाजनक माना है। क्रेमलिन प्रवक्ता ने एक मीडिया ब्रीफिंग में स्वीकार किया है कि इस युद्ध में रूस को काफी मात्रा में सैनिकों की जान गंवानी पड़ी है। दरअसल, यूक्रेन में रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उम्मीद से परे यूक्रेनी सेना से उसे कड़ा प्रतिरोध मिल रहा है।

बुचा एक पूर्व नियोजित साजिश

प्रवक्ता ने कहा कि हम इस बात से इनकार करते हैं कि रूसी सेना ने बुचा में ऐसा कोई काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि मारे गए यूक्रेनी नागरिकों की तस्वीर रूस को बदनाम करने की एक पूर्व नियोजित साजिश है। हम इन तस्वीरों की वैधता से इनकार करते हैं।

जर्मनी का बड़ा खुलासा!

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्मनी ने कहा है कि उसके इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने सेटेलाइट के जरिए रूसी सेना का रेडियो ट्रांसमिशन रिकॉर्ड किया है। इस बातचीत में रूसी सेना के अधिकारी सैनिकों को आम नागरिकों की हत्या करने का आदेश दे रहे हैं।

UNHRC से बाहर निकाला गया रूस

संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार परिषद से रूस को बाहर कर दिया है। इस दौरान हुई वोटिंग में 93 देशों ने रूस के विरोध में मतदान किया, तो भारत समेत 58 देश मतदान से दूर रहे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था।

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