
भारत की रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने शुक्रवार को बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि आज एक बैलेस्टिक मिसाइल का पूर्व निर्धारित सीमा तक परीक्षण किया गया। सफल परीक्षण के बाद मिसाइल के तकनीकी मानकों को मान्य किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि आईएनएस अरिहंत द्वारा एसएलबीएम (पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण) का सफल उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च दल दक्षता को साबित करने और एसएसबीएन कार्यक्रम के अनुरूप महत्वपूर्ण है, जो भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख तत्व है।
‘पहले उपयोग न करने’ की प्रतिबद्धता
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत, टिकाऊ और सुनिश्चित जवाबी क्षमता है जो इसकी ‘पहले उपयोग न करने’ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
ये है खासियत
यह एटमी हथियारों से लैस पनडुब्बी काफी महत्वपूर्ण हथियार है। बता दें कि यह पनडुब्बी समुद्र के किसी भी कोने से शहर को बर्बाद करने की क्षमता वाली मिसाइल छोड़ सकती है। इसके साथ ही इसे काफी जल्दी डिटेक्ट भी नहीं किया जा सकता। परमाणु रिएक्टर से मिली, एनर्जी से चलने वाली दूसरी खूबियों के कारण लंबे समय तक गहरे पानी के भीतर भी रह सकती है।