
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत करवट ले रहा है। दुनिया में हमारी मान्यता बढ़ रही है। चुनौतियां, संकट और समस्याओं के बावजूद आत्म सामर्थ्य के बल पर देश को खड़ा करने का अभियान चल पड़ा है। भारत उठेगा… दूसरों को दबाने को नहीं बल्कि दीप स्तंभ बनकर प्रकाश देने के लिए। संघ पिछले 97 साल से देश में व्यक्ति और समाज निर्माण की साधना-अनुष्ठान में जुटा है। वह बोले -समाज के साथ नेतृत्व करने वाले भी शील संपन्न हों। सरकार्यवाह होसबाले राजधानी के लाल परेड मैदान पर संघ के शारीरिक प्रकट कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित कर रहे थे।
पूर्व CEC ने की संघ की कार्यशैली की सराहना
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने संघ की कार्यशैली की सराहना करते हुए मानव निर्माण के अनुष्ठान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें आजादी दिलाने वाले पूर्वजों का देवत्व याद रखें। तकनीकी क्रांति, वर्चुअल वर्ल्ड और सोशल मीडिया के दौर में नई परतंत्रता से बचने एक-दूसरे से जुड़े रहें।
मोदी के भाषण का जिक्र
होसबाले ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन के संदेश भी जिक्र किया। उन्होंने कहा- भाषण के अंत में मोदी ने कहा था कि सरकार योजना बना रही, देशहित में काम कर रही है, लेकिन नागरिकों के भी कुछ कर्तव्य हैं, जो हमें निभाने चाहिए। होसबाले ने कहा कि संघ यही काम कर रहा है। संघ नागरिकों में देशभक्ति, अनुशासन, समाज सेवा, चरित्र निर्माण, सामूहिकता और गुणों की पूजा विकसित करने के संकल्प में जुटा है। उन्होंने दार्शनिक और महापुरुषों को भी याद करते हुए स्वामी विवेकानंद, भगिनि निवेदिता, डाॅ हेडगेवार, सर्वपल्ली राधाकृष्णन सहित महामना मदन मोहन मालवीय की बातों का भी उल्लेख किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वयंसेवकों ने समता, दंड प्रयोग, व्यायाम योग और घोष वादन की प्रस्तुति दी।