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कौन हैं Mohini Mohan Dutta ? जिनका Ratan Tata की वसीयत में है नाम, हिस्से आएगी करीब 500 करोड़ की संपत्ति

देश के दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 में भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी मौजूदगी आज भी खबरों में बनी रहती है। हाल ही में रतन टाटा की वसीयत सुर्खियों में है। वह अपनी संपत्ति का करीब एक तिहाई हिस्सा एक मिस्ट्री मैन के लिए छोड़ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा ने मोहिनी मोहन दत्ता के लिए 500 करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ी है। बता दें कि मोहिनी मोहन दत्ता को रतन टाटा का करीबी माना जाता है।

भारत के मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा के निधन के बाद से ही उनकी संपत्ति का बंटवारा चर्चा का विषय बना हुआ था। रतन टाटा की वसीयत में उनके उत्तराधिकारियों के नामों में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम भी दर्ज है। हालांकि, यह राशि उन्हें प्रोबेट से गुजरने और हाई कोर्ट से प्रमाणित होने के बाद ही दी जाएगी। इस काम में कम से कम छह महीने लग सकते हैं।

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता ?

मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर बेस्ड इंटरप्रेन्योर हैं। उनकी रतन टाटा से पहली मुलाकात 1960 के दशक की शुरुआत में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी। उस समय, रतन टाटा 24 वर्ष के थे और अपने परिवार के विशाल साम्राज्य में अपना रास्ता तलाश रहे थे। उस मुलाकात ने दत्ता के जीवन की दिशा ही बदल दी। दत्ता का बिजनेस सफर टाटा ग्रुप से जुड़ा है। ताज ग्रुप के साथ अपना करियर शुरू करने के बाद, उन्होंने स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी की स्थापना की, जिसका 2013 में ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के एक विभाग, ताज सर्विसेज के साथ विलय हो गया।

टाटा कैपिटल द्वारा अधिग्रहण किए जाने से पहले टाटा इंडस्ट्रीज के पास कारोबार में 80% हिस्सेदारी थी और बाद में इसे थॉमस कुक (इंडिया) को बेच दिया गया। दत्ता रीब्रांडेड टीसी ट्रैवल सर्विसेज के निदेशक रहे हैं और टाटा कैपिटल सहित टाटा समूह की कंपनियों में शेयर रखते हैं।

वसीयत में दत्ता फैमिली को क्या-क्या मिलेगा

अपने करीबी संबंधों के बावजूद, दत्ता ने वसीयत पर असंतोष व्यक्त किया है। वसीयत के अनुसार, वह टाटा की शेष संपत्ति का एक तिहाई प्राप्त करने का हकदार है, जिसमें 350 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक जमा राशि और पेंटिंग और घड़ियों जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं की नीलामी से प्राप्त आय शामिल है।

शेष दो-तिहाई हिस्सा रतन टाटा की सौतेली बहनों शिरीन जीजीभॉय और डीना जीजीभॉय को जाता है, जो टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी डेरियस खंबाटा और मेहली मिस्त्री के साथ वसीयत बनाने वालों में से हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दत्ता को उम्मीद है कि उनकी विरासत की कीमत 650 करोड़ रुपए होगी।

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