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Sushil Kumar Modi Death : विशेष विमान से आएगा सुशील कुमार मोदी का पार्थिव शरीर, पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार, शामिल होंगे जेपी नड्डा

पटना। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का सोमवार शाम को दिल्ली AIIMS में इलाज के दौरान निधन हो गया। 72 साल के सुशील मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे। पिछले चार दिनों से वह एम्स में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से बिहार ही नहीं देश की राजनीति में शोक की लहर है। पिछले महीने 3 अप्रैल को उन्होंने कैंसर होने की जानकारी देते दी थी। लिखा था, ‘पिछले 6 महीने से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है।’

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत देश के सभी वरीय नेताओं ने शोक जताया।

12 बजे दिल्ली से पटना पहुंचेगा पार्थिव शरीर

सुशील मोदी का पार्थिव शरीर मंगलवार को विशेष विमान से 12 बजे दिल्ली से पटना पहुंचेगा। पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट से सीधे घर ले जाया जाएगा। राजेंद्र नगर स्थित निजी आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। अंतिम दर्शन के बाद शव यात्रा निकाली जाएगी। बीजेपी ऑफिस, विधान पार्षद होते हुए पटना के गुलबी घाट पहुंचेगी और यहां पर अंतिम संस्कार होगा। इसमें सीएम नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम समेत कई नेता शामिल होंगे।

शाम चार बजे पटना आएंगे जेपी नड्डा

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज शाम चार बजे पटना आएंगे। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर श्रद्धांजलि देंगे।

भाजपा और नीतीश कुमार ने रद्द किए सभी कार्यक्रम

भाजपा ने बिहार में आज होने वाले अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए। सीएम नीतीश कुमार ने भी आज के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में भी शामिल नहीं होंगे। आज नीतीश कुमार की पत्नी की पुण्यतिथि भी थी उस कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया है।

पीएम बोले- बिहार में BJP के उत्थान के पीछे रहा अमूल्य योगदान

सुशील मोदी के निधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर तस्वीर शेयर कर लिखा- “पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे। राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी। उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!”

सुशील मोदी का राजनीतिक करियर

सुशील कुमार मोदी का जन्म 05 जनवरी, 1952 को पटना में हुआ था। उनके पिता का नाम मोती लाल मोदी और माता का नाम रतना देवी था। उनके दो बेटे हैं जिनका नाम उत्कर्ष तथागत और अक्षय अमृतांशु है। पांच दशक तक बिहार की राजनीति के प्रमुख चेहरा बने रहे बीजेपी के दिग्गज नेता सुशील मोदी अब नहीं रहे। पिछले महीने की तीन तारीख को उन्होंने कैंसर होने की जानकारी देते हुए सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी। विशेषज्ञ का कहना है कि सुशील मोदी बिहार में भाजपा और जदयू के बीच सुशील मोदी अहम कड़ी थे। करीब चार दशकों तक बिहार भाजपा की धुरी बने रहे।

  • महज 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े।
  • 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने।
  • वर्ष 1973 में बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के सदस्य बने।
  • जेपी आंदोलन हुआ तो सुशील मोदी भी इसमें कूद पड़े।
  • कांग्रेस की सरकार ने इन्हें 19 महीने तक जेल में रखा।
  • 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े।
  • कुछ महीनों तक पिता के साथ रेडिमेड की दुकान को भी संभाला। इसी बीच भाजपा ज्वाइन की।
  • 1990 में भाजपा ने पटना केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और चुनाव जीते।
  • नवंबर 1996 में नेता प्रतिपक्ष बने। 2000 में 7 दिन के लिए नीतीश सरकार बनी तो मंत्री भी बने।
  • इसके बाद फिर 2004 तक नेता प्रतिपक्ष बने रहे। इस दौरान सुशील लालू-राबड़ी सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बन उभड़े।
  • 2004 में पहली बार भागलपुर से भाजपा के टिकट पर सांसद बने।
  • 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी तो सुशील मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री बने।
  • 2017 में एनडीए सरकार बनी तो फिर से उपमुख्यमंत्री बने। उपमुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने 11 बार बिहार का बजट पढ़ा।
  • 2020 में एनडीए की सरकार बनी तो सुशील मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया।
  • पार्टी ने 2020 में उन्हें राज्यसभा भेजा।

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