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सरकारी स्कूलों में सामान्य छात्रों के साथ सुनकर पढ़ाई कर रहे दृष्टिहीन स्टूडेंट

बेमिसाल : सामान्य छात्रों से पहले देते हैं किसी भी प्रश्न का जवाब, पिछली कक्षाओं में 70%नंबर लाए

रामचन्द्र पाण्डेय-भोपाल। सुबह के 11 बजे थे। नवीन हायर सेकंडरी स्कूल बाग सेवनिया में टीचर राखी मेहरा 9वीं की अंग्रेजी की क्लास ले रहीं थीं। लेक्चर के बीच टीचर ने सवाल किया, ग्रामर में आर्टिकल क्या होते हैं? क्लास में सबसे पहले नेत्रहीन स्टूडेंट नीलेश मवाशी ने खड़े होकर जवाब भी दिया। जबकि क्लास में 40 सामान्य और तीन अन्य दृष्टिबाधित स्टूडेंट भी हैं। इन सभी दिव्यांगों को पिछले एग्जाम में 70% के आसपास ही नंबर आए हैं।

पीपुल्स समाचार की टीम ने क्लास में मौजूद रहकर नि:शक्त स्टूडेंट्स की पढ़ाई देखी तो यह स्थिति सामने आई। यह हाल तब है, जबकि स्कूल में न तो इनके लिए अलग से ट्रेंड (स्पेशल) टीचर हैं और न किसी तरह की सुविधाएं। दरअसल, दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रदेश के सामान्य सरकारी स्कूलों में उनके एडमिशन कराए गए हैं। बागसेवनिया के स्कूल में पहली से 12वीं तक सामान्य स्टूडेंट्स के साथ 42 दृष्टिहीन पढ़ रहे हैं।

ऑडियो सुन करते हैं रिवीजन : बागसेवनिया स्कूल में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की देखरेख एक एनजीओ द्वारा की जाती है। ये सभी हॉस्टल में रहते हैं। हॉस्टल में उन्हें एनजीओ द्वारा आडियो भी उपलब्ध कराया जाता है। परीक्षाओं के दौरान इन्हें एक-एक राइटर दिया जाता है, जो इनसे एक क्लास कम का होता है।

स्पेशल टीचर निभाते हैं मीडियेटर की भूमिका

पंचशील नगर स्थित नूतन सुभाष स्कूल में 9वीं से 12वीं तक के 34 नि:शक्त बच्चे हैं। यहां दृष्टिबाधित स्पेशल टीचर डॉ. हरगोविंद सभी बच्चों के डाउट क्लियर करते हैं। वह सामान्य टीचर और स्पेशल स्टूडेंट्स के बीच मीडिएटर की भूमिका निभाते हैं। इनका कहना है कि 8वीं तक के बच्चे स्पेशल टीचर पर निर्भर रहते हैं, जबकि 9वीं के बच्चे सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने की क्षमता रखते हैं।

स्कूल में सुनने वाले सभी चेप्टर समझ में आ जाते हैं, लेकिन ब्रेल लिपि में समझाने या लिखवाने की सुविधा हो तो और बेहतर हो जाएगा। -विकास मेवाड़ा, छात्र, कक्षा 9वीं, शा. नवीन स्कूल

क्लास में लेक्चर सुनकर याद कर लेते हैं, लेकिन लिखकर पढ़ने वाली चीजें समझ नहीं आतीं। मेरा एक भाई भी दृष्टिहीन है, जो साथ में पढ़ता है। -नीलेश मवाशी, छात्र, कक्षा 9वीं, शा. नवीन स्कूल

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