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कारोबारी फिरोज मर्चेंट के दान से दुबई की जेलों में बंद 900 भारतीय कैदी होंगे रिहा

दुबई। यूएई में रहने वाले भारतीय कारोबारी फिरोज मर्चेंट ने हाल ही में वहां की जेलों से 900 कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की है। इसके लिए मर्चेंट ने एक मिलियन दिरहम (करीब 2.5 करोड़ रु.) का दान दिया। यूएई में सोमवार से रमजान का महीना शुरू हो गया है। इन लोगों की रिहाई को लेकर मर्चेंट ने कहा था कि वह चाहते हैं कि ये लोग ईद अपने परिवारों के साथ मना सकें। बिजनेस के साथ-साथ अपने समाजसेवी कामों के लिए पहचान रखने वाले मर्चेंट की वजह से यूएई की जेलों में बंद 900 भारतीयों की रिहाई का रास्ता साफ हुआ है।

खाड़ी देशों जेलों में हजारों भारतीय कैद हैं। अकेले संयुक्त अरब अमीरात में 900 से अधिक भारतीय कैदी कथित जासूसी, अवैध आव्रजन और अन्य कारणों से वर्षों से जेलों में बंद हैं। यह पहली बार नहीं है कि मर्चेंट ने भारतीय कैदियों को छुड़ाने की पहल की है। इससे पहले भी वह ऐसी कोशिशें कर चुके हैं। उन्होंने अजमान सेंट्रल जेल से 132 कैदियों की रिहाई के लिए 1,50,000 दिरहम का भुगतान किया था।

भारत से जाकर यूएई में खड़ा किया सफल कारोबार

66 साल के फिरोज मर्चेंट प्योर गोल्ड ग्रुप और प्योर गोल्ड ज्वैलर्स के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। प्योर गोल्ड ज्वैलर्स अरब देशों के सबसे लोकप्रिय आभूषण खुदरा विक्रेताओं में से एक है, इसके पूरे मध्य पूर्व में 120 से ज्यादा स्टोर हैं। मर्चेंट पश्चिम एशिया के प्रसिद्ध उद्योगपति हैं और फोर्ब्स की पश्चिम एशिया के भारतीय मालिकों की सूची 2014 में 26वें स्थान पर थे। साल 1958 में मुंबई में पैदा हुए फिरोज मर्चेंट का बचपन आर्थिक चुनौतियों से भरा था। इसकी वजह उनके पिता का रियल एस्टेट व्यवसाय फेल हो जाना था।

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