राष्ट्रीयव्यापार जगत

हर किमी पर 1.5 रुपए अवैध वसूली, 6 रुपए टोल टैक्स, फिर भी कुछ नहीं मिला : Budget 2023 की घोषणाओं पर ट्रांसपोर्टर नाराज

विकास शुक्ला। केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं पर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने निराशा जताई है। उनका कहा है कि इस बजट में हमें कुछ नहीं मिला। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) का कहना है कि अर्थव्यवस्था के पहिये चालू रखने वालों के लिए सरकार ने ट्रक मलिकों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

peoplesupdate.com से AITWA के महासचिव अभिषेक गुप्ता ने कहा कि ट्रक मालिक ट्रक खरीदने पर बिना इनपुट क्रेडिट लिए जीएसटी देते हैं। सभी राज्यों को रजिस्ट्रेशन फी के अलावा परमिट शुल्क देते हैं। इसके अलावा फिटनेस, बीमा पर जीएसटी जैसे तमाम खर्च हर वर्ष करते हैं और इनका एडवांस पेमेंट करते हैं। इसके बावजूद सरकार का हमारी ओर ध्यान नहीं है। एसोसिएशन का दावा है कि एक 10 पहिये वाला ट्रक हर साल सरकार को औसतन 16 लाख रुपए का राजस्व देता है।

डीजल पर ही 55% टैक्स

गुप्ता कहते हैं कि इतने सारे टैक्स देने के बाद हमारा कारोबार शुरू होता है, लेकिन हमें इसमें भी भारी खर्च उठाना पड़ता है। कुल खर्च का 60 फीसदी हम डीजल पर की खर्च कर रहे हैं। किसी भी रूट पर चलने के लिए हमें 6 रुपए प्रति किमी की दर से टोल टैक्स का भुगतान करना होता है। यही नहीं, अवैध वसूली और अवैध रूप से एंट्री टैक्स के नाम पर ट्रक मालिक तकरीबन 1.5 रुपए प्रति किमी खर्च करता है, भले ही वह मुनाफा कमा रहा हो या नहीं। ट्रक ऑपरेटर्स का कहना है कि हम हर माह अपनी वाहन क्षमता के अनुसार 1000 रुपए प्रति टन पर अनुमानित आय के तहत आयकर का भुगतान करते हैं। परमिट आदि रिन्युअल पर भी हर साल सरकार को काफी राजस्व देते हैं। इसके बावजूद न तो हमें किसी तरह की सब्सिडी मिलती है और न ही अवकाश या पीएलआई योजना है।

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सड़कें हमें मुफ्त में नहीं मिली

ट्रांसपोर्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अच्छी सड़कों पर भी सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा- यह हमें सरकार ने मुफ्त में नहीं उपलब्ध कराई हैं। इसके लिए हम अपनी जेब से भुगतान कर रहे हैं। इसके बावजूद रास्तों पर ड्राइवरों के लिए किसी तरह की सुविधाएं नहीं हैं। सड़कों पर जांच एजेंसिया उनके साथ अमानवीय बर्ताव करती हैं। गुप्ता ने कहा- सरकारी खजाने में इतने बड़े प्रत्यक्ष योगदान, अपार रोजगार पैदा करने वाले उद्योग की तरफ भी सरकार का ध्यान जाना चाहिए। उन्होंने कहा- हमें सरकार से उम्मीद है, लेकिन संभावना बेहद कम है कि सरकार हमारे उद्योग को भी कुछ फायदा देगा।

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