
प्लांट बेस्ड डाइट में केवल पौधों से मिलने वाला भोजन जैसे फल, सब्जियां, फलियां, नट्स, सीड्स, होल ग्रेन आदि शामिल होते हैं। इसमें डेयरी उत्पादों को भी शामिल नहीं किया जाता है। प्लांट बेस्ड डाइट फ्लेक्सिबल होती है। इस तरह की डाइट में लो बीएमआई इंडेक्स होने के साथ-साथ इस डाइट से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम रहता है। यह एनिमल बेस्ड फूड के बेहतरीन अल्टरनेटिव देता है, जो प्लांट बेस्ड हो।
भोपाल में भी सोया से बड़े कई तरह के स्वादिष्ट फूड आइटम मिलने लगे हैं, जिसमें सोया चाप व सोया टिक्का शामिल है, जिसे सभी लोग पसंद करते हैं। अब इसे घर में भी तैयार किया जा सकता है। सोया चाप के पैकेट लेकर इसे मसालों के साथ घर में रोस्ट या डीप फ्राई किया जा सकता है। कई रेस्त्रां में सोया बेस्ड व्यंजनों की पूरी रेंज आ गई है। वहीं, दूध से एलर्जी महसूस करने वालों के लिए प्लांट बेस्ड मिल्क के विकल्प के रूप में ओट्स मिल्क भी उपलब्ध है।
मिलेट्स नगेट्स, बर्गर टिक्की, गिलौटी कबाब और हरियाली टिक्का भी अब प्लांट बेस्ड
प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट्स में सोया ही नहीं, बल्कि ओट्स से जुड़े आइटम भी आ रहे हैं, जिसमें लो कैलोरी ओट्स मिल्स भी शामिल हैं। इसमें विटामिन व प्रोटीन होता है। अब तो प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अलग से स्टार्ट-अप शुरू हो चुके हैं, जो कि कई सारे प्लांट बेस्ड फूड आइटम उपलब्ध करा रहे हैं। सोया चाप हरियाली टिक्का, चॉप बिरयानी, रोगन जोश, मलाई टिक्का, अचारी टिक्का जैसे फ्लेवर शामिल हैं। इसके अलावा सोया से बने गिलौटी कबाब, सोया नगेट शामिल हैं। वहीं, सॉस को काजू, कोकोनेट ऑइल, रोस्टेड गार्लिक व काली मिर्च से तैयार किया जा रहा है। सॉस व मेयोनीज आदि भी प्लांट बेस़्ड बनाए जा रहे हैं। सीक कबाब को मटर और सोया से मिक्स करके बनाया जा रहा है। इसी तरह ओट्स व मटर के साथ बर्गर पेटी बनाई जा रही है। इसके अलावा मिलेट्स नूडल्स व पास्ता भी आने लगे हैं।
प्लांट बेस्ड प्रोटीन उन्हें कहते हैं, जो प्लांट्स जैसे- फलियां (लेग्यूम), नट्स और बीज, साबुत अनाज और सब्जियां से हमें मिलते हैं, जबकि एनिमल बेस्ड प्रोटीन का सोर्स मीट, डेयरी और अंडे हैं। प्लांट बेस्ड प्रोटीन की खास बात ये है कि इसमें कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटेड फैट कम मात्रा में पाया जाता है। सोया प्रोडक्ट प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक पॉपुलर सोर्स हैं। – डॉ. अलका दुबे, न्यूट्रीशनिस्ट
इस तरह के प्रोडक्ट्स एथिकल माने जाते हैं
ये पर्यावरण के लिहाज से भी सस्टेनेबल होते हैं और एनिमल बेस्ड नहीं होने की वजह से एथिकल भी माने जाते हैं। प्लांट बेस्ड प्रोटीन उन लोगों के लिए पौष्टिक विकल्प है, जो वीगन डाइट को फॉलो कर रहे हैं और एनिमल प्रोडक्ट्स को कम करना चाहते हैं। – डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, डायटीशियन