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वर्ल्ड अल्जाइमर डे आज : दवाओं व योग से अल्जाइमर के बढ़ने की रफ्तार को कर सकते हैं कम

यह तंत्र सम्बंधित एक विकार है, जिससे व्यक्ति की याद रखने की शक्ति समाप्त होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी दिमाग की कोशिकाएं और मस्तिष्क का ठीक से संपर्क नहीं हो पाता है।

प्रीति जैन, भोपाल। अक्सर 65 साल से अधिक उम्र के लोग चीजें भूलने लगते हैं। कई बार खाना खाने के बाद भूल जाते हैं कि थोड़ी देर पहले खाया था या किसी रास्ते से रोज गुजरते हुए उसे भूलने लगते हैं, या भौगोलिक स्थितियों को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं। ऐसी दिक्कतों को जब परिवारजन या जान-पहचान वाले किसी व्यक्ति के साथ होते देखते हैं तो अक्सर कहा जाता है कि यह तो सठिया गया है। दरअसल,उस व्यक्ति के साथ अल्जाइमर की शुरुआत हो चुकी होती है। यह तंत्र सम्बंधित एक विकार है, जिससे व्यक्ति की याद रखने की शक्ति समाप्त होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी दिमाग की कोशिकाएं और मस्तिष्क का ठीक से संपर्क नहीं हो पाता है। वर्ल्ड अल्जाइमर डे (21 सितंबर) के मौके पर जानिए इसके साथ कैसे सामान्य जीवन जी सकते हैं।

भारत में 40 लाख से अधिक लोग शिकार

भारत में 40 लाख से अधिक लोगों को किसी न किसी प्रकार का डिमेंशिया है। विश्व भर में कम-से-कम 4 करोड़ 40 लाख लोग डिमेंशिया से ग्रस्त हैं। अल्जाइमर रोग सबसे आम प्रकार का डिमेंशिया है, जो कि मस्तिष्क के ठीक तरह से काम न कर पाने की स्थिति में होने वाली परिस्थितियों के लिए समग्रता में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। अल्जाइमर ठीक करने की कोई दवा नहीं है, लेकिन ऐसी दवाएं जरूर हैं, जो कि इसके बढ़ने की रफ्तार को रोकती हैं।

अल्जाइमर मरीज की मदद कैसे करें…

जब कोई इंसान बार-बार सुनता है कि वो भूलने लगा है तो वह स्वयं खुद पर गुस्सा और परेशान होने लगता है। इस स्थिति में परिवार को चिकित्सक से जीवन की गुणवत्ता सुधारने के तरीकों को जानना चाहिए। जैसे कि मरीज का जरूरी सामान हमेशा एक जगह रखें। उसके साथ एक फोटो आईडी कार्ड जरूर रखें। इमरजेंसी नंबर सेव करके रखें। खाने-पीने का समय तय हो।

ब्रेन स्कैन व मिनिमेंटल स्टेटस एग्जामिनेशन करते हैं

एक्सरसाइज को सबसे अंडररेटेड माना जाता है, लेकिन रेगुलर एक्सरसाइज से इस तरह की परेशानियों को रोका जा सकता है। वहीं, जिन लोगों को दो से अधिक भाषाएं आती हैं उन्हें भी इसका खतरा कम होता है। अनुसंधानों से पता चलता है कि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहने से मस्तिष्क को सामान्य ढंग से काम करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व रक्त से प्राप्त होते हैं और हृदय ही मस्तिष्क तक रक्त भेजने के लिए जिम्मेदार है। मोटापा, डायबिटीज को भी कंट्रोल रखना जरूरी है। ब्रेन स्कैन, मिनिमेंटल स्टेट्स एग्जामिनेशन (एमएसई), एमआरआई, ब्लड टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है। एमएसई टेस्ट साइकेट्रिस्ट करते हैं, जो कि मशीन टेस्ट नहीं है बल्कि पेशेंट से पेपर पर चित्रों के माध्यम से लिया जाता है। यह मेमोरी के हर पार्ट को टेस्ट करता है। विटामिन बी-12 की कमी का टेस्ट करते हैं, क्योंकि इसकी कमी से भी यह परेशानी होती है।

-डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, साइकेट्रिस्ट

प्राणायाम व सूक्ष्म योग मददगार

भस्तिका, अनुलोम- विलोम, भ्रामरी प्राणायाम से निश्चित तौर पर शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ता है, जिससे ब्रेन के सिकुड़ने की गति कम होने लगती है। दवाइयां भी ज्यादा अच्छे से असर दिखाती हैं। शरीर का मूवमेंट बढ़ता है तो मसल्स एक्टिव होती हैं तो वहीं प्राणायम से अंदर का सिस्टम एक्टिव हो जाता है। इसके साथ ध्यान व शवासन में श्वसन जरूर करें। कुल मिलाकर 45 मिनट का अभ्यास सामान्य जीवन जीने में मदद करता है।

-पवन गुरु, योगाचार्य

 

अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण

  • याद करने में दिक्कत, विशेष रूप से हाल ही की जानकारियों को याद करने में समस्या।
  • किसी समय आसान व सरल लगने वाले कार्यों को पूरा करने में मुश्किल होना।
  • समस्याओं को हल करने में कठिनाई आना।
  • मनोदशा और व्यक्तित्व में बदलाव, दोस्तों एवं परिवार से अपने को अलग रखने की प्रवृत्ति।
  • बातचीत में परेशानी, चाहे लिखित रूप में हो या बोलकर।
  • जगहों, लोगों और घटनाओं के बारे में कंफ्यूजन पैदा होना।
  • देखने संबंधी बदलाव, जैसे कि तस्वीरों या छवियों को समझने में दिक्कत।
  • निर्धारित दूरी व रंगों के अंतर में परेशानी।

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