
आगरा। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और आगरा से राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे का निधन हो गया है। 74 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल्ली स्थित आवास पर देर रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
अचानक हार्ट में दर्द होने की शिकायत
बेटे प्रांशु दुबे ने बताया कि, रविवार को वे बिल्कुल ठीक थे। अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा जिसके बाद उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां कुछ देर बाद ही उनकी सांसें थम गईं। बता दें कि, हरद्वार दुबे का जन्म 1 जुलाई 1949 को हुसैनाबाद, बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका विवाह प्रोफेसर कमला पांडे से हुआ। वे भी कई वर्ष से अस्वस्थ चल रही हैं।
बीजेपी के अंतिम पांडव थे हरद्वार दुबे
आगरा में जनसंघ और भाजपा की जड़ें जमाने का श्रेय हरद्वार दुबे को ही दिया जाता है। हरद्वार दुबे भाजपा के पांच पांडवों में से आखिर पांडव बचे थे। हरद्वार दुबे से पहले राजकुमार सामा, रमेशकांत लवानिया, भगवान शंकर रावत, सत्य प्रकाश विकल का निधन हो चुका है। इन सबको भाजपा का पांच पांडव कहा जाता था।
हरद्वार दुबे का राजनीतिक सफर
- मूल रूप से बलिया के निवासी हरद्वार दुबे लंबे समय से आगरा में राजनीति कर रहे हैं।
- वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन आगरा आए थे। तभी से यहां की राजनीति में सक्रिय रहे।
- 1983 में वे महानगर इकाई के मंत्री बने। इसके बाद महानगर अध्यक्ष बने।
- 1989 में छावनी से पहली बार चुनाव लड़ा और जीते।
- 1991 में भी उन्होंने जीत हासिल की। उन्हें संस्थागत वित्त राज्यमंत्री बनाया गया।
- 2005 में वह खेरागढ़ विधानसभा से उपचुनाव लड़े, जिसमें हार का सामना करना पड़ा था।
- वर्ष 2011 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।
- हरिद्वार दुबे 2020 में राज्यसभा सदस्य बने थे। वे कल्याण सिंह सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे थे।
- सीतापुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक रहे हैं।