
देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘‘प्राकृतिक खेती सम्मेलन’’को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह कार्यक्रम किया जा रहा है। सम्मेलन में गुजरात के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
PMO ने जारी किया बयान
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि यह सम्मेलन गुजरात के सूरत में आयोजित किया जा रहा है और इसमें हजारों किसान और सभी अन्य हितधारक भाग लेंगे, जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को अपनाने में कामयाबी हासिल की है।
पीएम ने प्राकृतिक खेती अपनाने का किया था आह्वान
बयान में आगे कहा गया है कि, पीएम मोदी ने मार्च में गुजरात में एक पंचायत सभा को संबोधित करते हुए प्रत्येक गांव में कम से कम 75 किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान किया था। सूरत जिले ने विभिन्न हितधारकों और संस्थानों, जैसे कि किसान समूह, निर्वाचित प्रतिनिधियों, फसल उपज विपणन समितियों, सहकारिताओं और बैंकों को किसानों की मदद करने के वास्ते जागरूक एवं प्रेरित करने के लिए समन्वित प्रयास किए।
किसानों को 90 अलग-अलग समूहों में प्रशिक्षित किया गया
पीएमओ ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 75 किसानों की पहचान की गयी और उन्हें प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित व प्रशिक्षित किया गया। किसानों को 90 अलग-अलग समूहों में प्रशिक्षित किया गया और इसके परिणामस्वरूप जिले के 41,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्राकृतिक खेती के फायदे
प्राकृतिक खेती में रासायनिक उर्वरक या कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। किसान खेतों में खाद के लिए गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करते हैं। इससे उपज भी बढ़ती है और इसके उत्पाद भी शुद्ध होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं। प्राकृतिक खेती में कृषि की लागत बेहद ही कम होती है इसलिए इसमें किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है।