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बेंगलुरु में PM मोदी : वंदे भारत को दिखाई झंडी, केम्पेगौड़ा की 108 फीट की कांस्य प्रतिमा का किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह दक्षिण भारत के दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहुंचे। जहां राज्यपाल थावरचंद गहलोत, सीएम बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के धारवाड़ के सांसद प्रल्हाद जोशी ने उनका स्वागत किया।

पीएम ने कवि कनक दास और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस बीच पीएम मोदी ने चेन्‍नई-मैसूर वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेन की सौगात दी है। ये देश की पांचवी और दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने बेंगलुरू में भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। पीएम ने केम्पेगौड़ा की 108 फीट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण भी किया।

पीएम बोले- कर्नाटक को मिली भारत में बनी वंदे भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज कर्नाटक और देश की 2 महान संतानों की जन्म जयंती है। संत कनकदास जी ने हमारे समाज को मार्गदर्शन दिया तो ओनके ओबव्वा ने हमारे गौरव और संस्कृति के लिए अपना योगदान दिया। आज कर्नाटक को पहली भारत में बनी वंदे भारत ट्रेन मिली है। कर्नाटक के लोगों को अयोध्या, काशी और प्रयागराज के दर्शन कराने वाली भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन की भी शुरुआत हुई है। आज केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के दूसरे टर्मिनल का भी उद्घाटन हुआ है।

भारत अब तेज़ दौड़ना चाहता है : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि आज शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन केवल एक ट्रेन नहीं है, बल्कि ये नए भारत की नई पहचान है। 21वीं सदी में भारत की ट्रेन कैसी हो, ये उसकी एक झलक है। वंदे भारत एक्सप्रेस इस बात का प्रतीक है कि भारत अब रुक-रुक चलने वाले दिनों को पीछे छोड़ चुका है। भारत अब तेज़ दौड़ना चाहता है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आने वाले 8-10 सालों में हम भारतीय रेल के कायाकल्प को बदलने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

केम्पेगौड़ा की 108 फीट की कांस्य प्रतिमा का किया अनावरण

पीएम मोदी ने नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फीट की प्रतिमा का भी आज अनावरण किया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार, किसी शहर के संस्थापक की यह पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है। इसे समृद्धि की मूर्ति कहा जाता है और बेंगलुरु के विकास की दिशा में शहर के संस्थापक केम्पेगौड़ा के योगदान को याद रखने के लिए बनाया गया है।

नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फीट की प्रतिमा कांस्य से बनी है।

प्रसिद्ध मूर्तिकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने प्रतिमा को डिजाइन किया है। सुतार ने गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और बेंगलुरु के विधान सौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाई थी। अनावरण के अग्रदूत के रूप में राज्य भर में 22,000 से अधिक स्थानों से ‘मृतिक’ (पवित्र मिट्टी) एकत्र किया गया था, जिसे मूर्ति के चार टावरों में से एक के नीचे मिट्टी के साथ प्रतीकात्मक रूप से मिश्रित किया गया। 21 विशेष वाहनों ने पिछले दो सप्ताह के दौरान गांवों, कस्बों और शहरों सहित पवित्र मिट्टी एकत्र की थी।

केम्पेगौड़ा ने की थी बेंगलुरु की स्थापना

केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 220 टन वजनी प्रतिमा स्थापित की गई है। इसमें चार टन वजनी तो सिर्फ तलवार ही है। प्रतिमा के अलावा, परियोजना में 16वीं शताब्दी के सरदार को समर्पित 23 एकड़ क्षेत्र में एक विरासत थीम पार्क है, जिसकी कुल लागत लगभग 84 करोड़ रुपए है। पूर्ववर्ती विजयनगर साम्राज्य के तहत एक सामंती शासक केम्पेगौड़ा ने 1537 में बेंगलुरु की स्थापना की थी। वह वोक्कालिगा समुदाय के बीच सम्मानित हैं, जो पुराने मैसूर और दक्षिणी कर्नाटक के अन्य हिस्सों में अधिक संख्या में हैं।

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 का किया उद्घाटन

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 का उद्घाटन किया, जिसका निर्माण लगभग 5,000 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसके उद्घाटन से हवाई अड्डा पर यात्रियों की क्षमता बढ़कर सालाना करीब 5-6 करोड़ होने की उम्मीद है। अभी यह सलाना 2.5 करोड़ है।

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आंध्र प्रदेश में 6 लेन के कॉरिडोर की रखेंगे आधारशिला

12 नवंबर को पीएम आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 10,500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। वह छह लेन के ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के आंध्र प्रदेश सेक्शन की आधारशिला रखेंगे। इसका निर्माण 3,750 करोड़ रुपए की लागत से होगा।

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