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कस्टम चोरी, स्मगलिंग और आतंकी गतिविधियां रोकने AI बनेगा बड़ा हथियार

तुरंत सामने आएगी अंतर्राष्ट्रीय तस्करों की कुंडली

राजीव सोनी, भोपाल। भारत को वर्ष 2047 तक दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक साथ कई मोर्चों पर काम शुरू किया है। सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग ने अगले डेढ़-दो दशक की संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक को बढ़ावा देने का फैसला किया है। अगले दशक में कारोबार के साथ ही लाखों की संख्या में पैसेंजर्स की संख्या बढ़ने का डाटा सामने आया है।

अंतर्राष्ट्रीय तस्करों और आतंकी गतिविधियों में संलग्न लोगों पर काबू पाने के लिए कस्टम विभाग ने अपनी रणनीति और कार्यशैली में कई बदलाव किए हैं। इसके लिए कई विकसित देशों के साथ सूचनाओं के लेनदेन का करार भी किया जा रहा है। संदिग्ध व्यक्ति का वीडियोस्कोप से रैटिना स्कैन कर उसकी पूरी कुंडली तत्काल जांच एजेंसी के सामने हाजिर हो जाएगी। दूसरे देशों की करेंसी, हथियार, घातक कैमिकल, सोना और बेशकीमती जवाहरात की तस्करी को रोकने में नई तकनीक से मदद मिलेगी।

एआई ऐसे काम करेगा

कस्टम विभाग प्रयोग के बतौर 2-3 साल में देश के कई विमानतल, बंदरगाह और अन्य क्षेत्रों में प्रायोगिक तौर पर यह तकनीक शुरू करेगा। अगले दशक तक एआई तकनीक इतनी कॉमन हो जाएगी कि अंतर्राष्ट्रीय विमानतल पर यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखता है तो दूर से ही उसके रैटिना स्कैन और अन्य जानकारी से पूरा लेखा-जोखा सामने आ जाएगा। वह कब कौन से क्राइम में शामिल रहा कितने बार यात्राएं कीं, यह सब जानकारी पलक झपकते ही कस्टम के सामने होगी। ऐसे ही व्यापार- व्यवसाय से जुड़े मामले और कंटेनर्स की छानबीन एक क्लिक पर हो जाएगी। इसके लिए वीडियोस्कोप का सहारा भी लिया जा सकेगा।

विकसित देशों से शेयर करेंगे डाटा

खासतौर पर डोमेस्टिक-इंटरनेशनल हवाई अड्डे और बंदरगाह सहित अन्य कई क्षेत्रों में गैर कानूनी व आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए विकसित देशों से नई तकनीक और डाटा शेयर की योजना पर काम शुरू किया है। एआई की मदद देशी-विदेशी यात्रियों और संदिग्ध व्यक्ति की कुंडली एक क्लिक पर कस्टम के सामने होगी। बड़े-बड़े कारोबारी कंटेनर्स और ट्रांजेक्शन पर भी नजर रखना आसान हो जाएगा। विभाग का अनुमान है कि अगले दशक में लाखों की संख्या में पैसेंजर्स बढ़ेंगे और मौजूदा तौर-तरीके पूरी तरह बदल जाएंगे।

भोपाल में बनी देश की नई रणनीति

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) के चेयरमेन संजय कुमार अग्रवाल ने अर्थव्यवस्था से जुड़े देश के चुनिंदा अफसरों (कस्टम और डीआरआई के चीफ कमिश्नर्स) को भोपाल बुलाकर नई रणनीति पर विचार मंथन किया। इसमें यही बात प्रमुखता से रखी गई कि भारत अभी दुनिया की पांचवी आर्थिक शक्ति है। अगले दो दशक में देश की अर्थव्यवस्था 3 से बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी और विश्व में तीसरी आर्थिक शक्ति हो जाएगी। इससे अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड और पैसेंजर्स बढ़ने के साथ आतंकी गतिविधियां और देश की सुरक्षा के खतरे बढ़ेंगे। क्रिप्टो करेंसी, ट्रांजेक्शन से जुड़े क्राइम और बिजिनेस डैमेज करने जैसी चुनौतियां भी बढ़ेंगीं। कस्टम विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछले 10 साल में जिस तरह तकनीक में बदलावा आया है वैसे ही अगला दशक भी बड़ा परिवर्तनकारी होगा। इन दिनों जिस तरह डाटा चोरी की घटनाएं और साइबर क्राइम बढ़ चुके हैं वैसे ही आगे नए तरह के तरीकों से क्राइम होंगे। उसके लिए एआई की तकनीक सहायक बनेगी।

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