
काठमांडू। नेपाल में लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 60 लोग घायल हैं। नेपाल के कई हिस्से शुक्रवार से हो रही बारिश से जलमग्न हो गए हैं, जिसके कारण आपदा अधिकारियों ने अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा जा रहा है।
वहीं नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने मूसलाधार बारिश की वजह से उत्पन्न अराजकता को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।
कई लोग लापता
नेपाल पुलिस के उप-प्रवक्ता बिश्व अधिकारी के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश की वजह से नेपाल में अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 34 की मौत काठमांडू घाटी में हुई है। वहीं बाढ़ में 60 लोग घायल भी हुए हैं, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं।
देशभर में कुल 79 लोग लापता हैं, जिनमें से 16 काठमांडू घाटी के हैं। 3000 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि, देशभर में 63 स्थानों पर मुख्य हाइवे ठप हो गए हैं। 226 घर पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं। लोगों को बचाने के लिए 3000 सैनिकों को काम पर लगाया गया है।
मंत्रियों की आपात बैठक, तीन दिन स्कूल बंद
इस बीच, कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह ने गृहमंत्री, गृह सचिव और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों समेत विभिन्न मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है। बैठक में उन्हें खोज तथा बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने नेपाल में सभी स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद करने के साथ ही सभी परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है।
काठमांडू में टूटा 1970 का रिकॉर्ड
काठमांडू में शनिवार को 1970 के बाद से सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। नेपाल ने 1970 में ही पहली बार देश में बारिश को मापने और रिकॉर्ड करने की प्रणाली शुरू की थी।
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